जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के जरिए निवेशकों को हजारों करोड़ रुपए की ठगी करने के मामले में सोसायटी के पूर्व निदेशकों राजेश्वर सिंह, ललिता राजपुरोहित और विवेक पुरोहित की जमानत याचिकाओं के साथ ही सह आरोपी वीरेन्द्र मोदी की अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.
न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपियों की ओर से पेश जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. जमानत याचिकाओं में कहा गया कि प्रकरण में कंपनी एक्ट के तहत गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज है. जिसकी जांच सीरियस फ्राड इन्वेन्टीगेशन आर्गेनाइजेशन कर रही है. ऐसे में समान मामले में एसओजी जांच नहीं कर सकती है.
वहीं, याचिकाकर्ता पूर्व में ही सोसायटी के निदेशक पदों को छोड़ चुके हैं, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शेरसिंह महला ने कहा कि आरोपियों पर करोड़ों रुपए की ठगी कर पैसे को शैल कंपनियों में शिफ्ट किया और फिर उन कंपनियों में से रुपए निकाल लिए. यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो वे देश छोडकर जा सकते हैं. वहीं आरोपी वीरेन्द्र मोदी ने स्वयं को हृदय रोगी बताते हुए चिकित्सीय आधार पर इलाज के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी.