जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि विभाग में प्राप्त पत्रों की प्राथमिकता तय की जाएगी. वहीं अति प्राथमिकता (हाई प्रायोरिटी) वाले स्टार्ड प्रकरणों का निस्तारण सात दिवस में सुनिश्चित किया जाएगा.
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हमें विभाग की छवि सुधारनी है, प्रकरणों के निस्तारण की प्राथमिकता तय करते हुए समय पर निस्तारण सुनिश्चित करना है. हमारा माइण्ड सेट अनावश्यक रुप से प्रकरणों को बिलंबित करने के स्थान पर तत्काल निस्तारण का होना चाहिए.
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डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय, खान मंत्री कार्यालय, वीवीआईपी पत्रों, केन्द्र सरकार से प्राप्त पत्रों, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त सचिवालय सहित विभिन्न आयोगों से प्राप्त प्रकरणों, सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त पत्रों के साथ ही संपर्क पोर्टल से प्राप्त प्रकरणों का समयवद्ध निष्पादन किया जाएगा. उन्होंने विधानसभा प्रश्नों, आश्वासनों के समय पर उत्तर भिजवाने, न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के समय पर जबाव दावें प्रस्तुत करने और बजट घोषणाओं की समयवद्ध क्रियान्वयन की आवश्यकता प्रतिपादित की. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अनुभाग की अनावश्यक पत्रावलियों को रेकार्ड रुम में जमा कराया जाए.
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विशेष परिस्थितियों को छोड़कर रिमाइण्डर (स्मरण) पत्र प्राप्त ना हो. केन्द्र सरकार स्तर पर विचाराधीन प्रकरणों को चिन्हित करने और समय पर पत्राचार के निर्देश दिए. उन्होंने संयुक्त सचिव और उपसचिव के साथ लिपिक स्तर से सहायक सचिव और विशेषाधिकारी स्तर के अधिकारियों से बात की और प्रकरणों के निष्पादन में होने वाले विलंब के कारणों पर फीडबैक लिया.