जयपुर. राज्य के खान विभाग ने झुंझुनू, नागौर और जैसलमेर के 6 लाइमस्टोन ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले लाइमस्टोन के जैसलमेर में परवर बी ब्लॉक और खीया ए ब्लॉक और नागौर के 4 जी ए ब्लॉक की नीलामी में अच्छा रेस्पासं मिला है. जिससे राज्य सरकार को अगले 50 सालों में 9483 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि पिछले दिसंबर और फरवरी में नीलाम किए गए इन ब्लॉकों से राज्य सरकार को अब तक 11 करोड़ 49 करोड़ की आय प्राप्त हो चुकी है. एसीएस माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने मंगलवार को सचिवालय में माइंस विभाग की समीक्षा बैठक ली. जिसमें बताया कि लाइमस्टोन के झुंझुनू में दो, नागौर में 3 और जैसलमेर में एक ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरु की गई है. इन 6 ब्लॉकों का कुल 2294 हेक्टेयर क्षेत्रफल है.
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माइंस विभाग की ओर से अब तक नीलाम किए गए लाइमस्टोन के आठ ब्लॉकों से एक मोटे अनुमान के अनुसार 50 सालों में राज्य सरकार को 30666 करोड़ रु. की आय प्राप्त होने की संभावना है. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य में अवैध खनन को रोकने का सबसे कारगर तरीका खनिज ब्लॉक विकसित कर उनकी प्राथमिकता से नीलामी करना है. जिससे खनिजों का अवैध खनन रोका जा सके. उन्होंने निर्देश दिए कि सीकर और भीलवाड़ा के आयरन, लाइम स्टोन के चित्तौड़गढ और नागौर के ब्लॉकों के नीलामी की आवश्यक तैयारियां शीघ्र पूरी की जाए. जिससे इन ब्लॉकों की नीलामी का कार्य भी आरंभ हो सके.
उन्होंने बताया कि 553 हैक्टेयर क्षेत्र के 311 अप्रधान खनिज प्लॉट्स की सफल नीलामी से विभाग में उत्साह का वातावरण बना है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ई-पोर्टल पर नीलामी से जहां पारदर्शिता आई है. वहीं देश दुनिया में कोई भी व्यक्ति नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने की सुविधा से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा बन रही है. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में प्रधान और अप्रधान खनिजों को विपुल भंडार है और लेड जिंक जैसे कई खनिजों के तो राजस्थान में समूचे देश में सबसे अधिक भण्डार है.