जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे. शनिवार रात करीब 1:00 बजे कुछ असामाजिक तत्व राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे और धरना दे रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हथियारों से हमला कर दिया. इस हमले में एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता घायल भी हो गए.
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मारपीट के विरोध में एबीवीपी के कार्यकर्ता गांधीनगर थाने पहुंचे लेकिन परिषद के कार्यकर्ताओं की पुलिस ने सुनवाई भी नहीं की. इसके बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए. एबीवीपी का आरोप है कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने ही एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर यह हमला किया है.
वहीं, दूसरी ओर एनएसयूआई के प्रवक्ता रमेश कुमार भाटी ने कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हुए हमला की घटना में एनएसयूआई की कोई भूमिका नहीं है. उन पर लगाया जा रहा आरोप निराधार है. यह सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है.
एबीवीपी के कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत और कांग्रेस सरकार की तानाशाही के कारण कुछ लोगों ने रात एक बजे राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सो रहे कार्यकर्ताओं पर लाठी भाटा और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई है. साथ ही हमारे एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार भी किया है.
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एबीवीपी के प्रदेश मंत्री होशियार सिंह मीणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार की चल रही तानाशाही के कारण हमारे कार्यकर्ता ही पिटे, हम पर ही हमला हुआ. यह कहां का न्याय है. मीणा ने कहा कि हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती और उन्हें गिरफ्तार रफ्तार नहीं किया जाता विद्यार्थी परिषद का धरना चलता रहेगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सोमवार को सभी जिला केंद्रों पर हमले के खिलाफ में प्रदर्शन किया जाएगा और कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा.