जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ और जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर सुझाव लिए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार को यह पता है कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम चलाने के बाद भी किसानों के स्तर में आशानुरूप सुधार के लिए अभी भी काफी संभावनाएं हैं. हम तमाम चुनौतियों के बावजूद इस दिशा में सतत प्रयासरत हैं कि किसान और पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकें.
गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास है कि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिले. उन्हें अच्छी गुणवत्ता का खाद, बीज और कीटनाशक समय पर उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर उन्नत कृषि की ओर आगे बढ़ें. सीएम गहलोत ने कहा कि दो दिन के चले इस संवाद सभी वर्गों के साथ अच्छी मीटिंग हुई है तैयार होगा उस वक्त इन सुझाव को जोड़ा जायेगा.
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उन्होंने ये भी कहा कि राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी यहां का किसान पूरी मेहनत के साथ अन्न उपजाता है और प्रदेश के विकास में अपना योगदान देता है. सरकार उनकी समस्याओं से वाकिफ है और लगातार उन्हें राहत देने के लिए कदम उठा रही है.
कृषि में हो नई टेक्नोलॉजी का समावेश
वहीं जोधपुर मंड़ोर से मींटिग में शामिल हुये एमबीए किसान ने बताया कि उन्होंने मींटिग में सुझाव दिया कि एक ऐसी पॉलिसी बनाई जाए, जिससे युवा एजुकेटेड लोग कृषि की तरफ आकर्षित हो सके. उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी को फार्मिंग में शामिल किया जाए, जिससे किसानों की आय दोगूनी हो सके.
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वहीं मीटिंग में बताया गया कि प्रदेश की करीब दो तिहाई जनता गांवों में निवास करती है और उनकी आय का प्रमुख साधन खेती और पशुपालन है. सरकार का प्रयास है कि किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा, भण्डारण व्यवस्था और नई तकनीक का लाभ मिल सके. किसान उत्पादक समूहों एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार कदम उठा रही है.
आगामी बजट में किसानों के लिये क्या कुछ-
आगामी बजट में भी कृषि और पशुपालन से संबंधित आवश्यक पहलुओं का समावेश करने का प्रयास किया जाएगा. बैठक में किसानों ने कर्जमाफी, पारदर्शी, न्यायसंगत और आधार प्रमाणित व्यवस्था से फसली ऋण वितरण करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का भुगतान समय पर करने, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 लागू करने तथा किसानों के कल्याण के लिए 1 हजार करोड़ रुपए के किसान कल्याण कोष की स्थापना करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
किसानों ने कहा कि विपरीत आर्थिक हालातों के बावजूद विगत एक वर्ष में किसान कल्याण की दिशा में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. बैठक में आये किसानों ने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने, सौर ऊर्जा में किसानों रहत देने, हाइली एजुकेटेड लोगों को खेती के प्रति जोड़ने के लिए नई निति लागू करने के सुझाव दिए.
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बैठक में किसानों ने पंजाब में स्थित फिरोजपुर फीडर जिससे राजस्थान को नहरी पानी मिलता है, उसके पंजाब स्थित हिस्से के सुदृढ़ीकरण का कार्य वहां की सरकार से समन्वय स्थापित कर आरम्भ करवाने पर भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. बहरहाल बैठक के जरिये सीएम गहलोत ने किसानों के साथ कई वर्गों से सुझाव लिए, लेकिन इस बजट में इनमें से कितने सुझावों की झलक देखने को मिलेगी ये तो बजट आने के बाद ही सामने आएगा.