जयपुर. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 20 और 21 अक्टूबर को कोटा दौरे पर रहेंगे. इस दौरान नड्डा पार्टी कार्यकर्ताओं में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर (BJP National President Kota Visit) जोश भरेंगे, लेकिन इसी दौरान बीजेपी छोड़कर गए नेताओं की वापसी की चर्चाएं भी तेज हैं. हालांकि, बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने साफ कह दिया कि पहले कमेटी बनेगी, फिर वो अपनी रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपेगी. जिसके बाद अंतिम निर्णय प्रदेश अध्यक्ष के स्तर पर होगा.
कमेटी करेगी फैसला : बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के दौरे पर कोटा में रहेंगे. इस दौरान 2023 और 24 में होने वाले चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे. अरुण सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ कर जा चुके नेताओं की घर वापसी के लिए कमेटी बनाई जाएगी. यह कमेटी कमेटी नेताओं के प्रोफाइल और तमाम पहलुओं पर चर्चा करके रिपोर्ट तैयार करेगी. जो नेता पार्टी की नीतियों में विश्वास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए जा रहे कामकाज से प्रभावित होकर पार्टी ज्वाइन करना चाहेगा, उसे ही पार्टी में शामिल करवाया जाएगा. कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंप देगी और उसके बाद पूनिया अपनी सहमति देकर अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को देंगे.
चुनाव में चले गए पार्टी छोड़ कर : विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी छोड़ कर जाने वाले नेताओं की घर वापसी को लेकर (Return of Leaders who have Left BJP) इन दिनों प्रदेश भाजपा में चर्चाएं जोरों पर हैं. हालांकि, जिन आधा दर्जन नेताओं की घर वापसी की बात कही जा रही है, उनका फैसला पार्टी की कोर कमेटी करेगी. पार्टी की कोर कमेटी की बैठक 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में कोटा में आयोजित होगी. जिसमें नेताओं की घर वापसी का फैसला होगा. बीजेपी छोड़ कर जा चुके सुरेंद्र गोयल, देवी सिंह भाटी, सुभाष महरिया, राजकुमार रिणवा के साथ कांग्रेस में शामिल हुए कुछ नेताओं के नाम भी शामिल हैं. इनका फैसला पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में होगा.
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घर वापसी पर मतभेद : बीजेपी भले ही 2023 के चुनाव में सत्ता वापसी के लिए हर स्तर अपने प्रयास में जुटी हो, लेकिन यह राहें इतनी भी आसान नहीं होंगी. दिलचस्प बात तो यह है कि एक तरफ तो नेताओं की घर वापसी का फैसला पार्टी कोर कमेटी को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, वहीं पार्टी कोर कमेटी में ही कई नेता ऐसे हैं जो इन नेताओं की घर वापसी का विरोध कर रहे हैं. कोर कमेटी के सदस्य और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और देवी सिंह भाटी के बीच अदावत (Controversy Over The Joining Declaration) जगजाहिर है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और उनके क्षेत्र से आने वाले अपने पुराने साथी के बीच भी लंबी अदावत चली आ रही है. ऐसे में पार्टी का एक धड़ा ही इनकी घर वापसी का विरोध कर रहा है.
संगठन जो तय करेगा वो मान्य : वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भाटी की जॉइनिंग की चर्चाओं पर कहा कि पार्टी में कौन आदमी आता है, इसके लिए पार्टी ने एक प्रक्रिया तय कर रखी है. चाहे कोई कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, पार्टी की तय प्रक्रिया से उसे गुजारना पड़ेगा. अभी बीकानेर में जो मीटिंग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा की हुई वह देव दर्शन यात्रा को लेकर थी. कुछ बैठकों में भी उन्हें जाना था. देवी सिंह ने क्या घोषणा करी वह तो वही जानें. उनके पहले और अभी के स्टेटमेंट निकाले जाएं. मैं तो कहता हूं कि संगठन जो भी तय करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे. मेघवाल ने स्वीकार किया कि देवी सिंह भाटी ने मुझे भी हराने की पूरी कोशिश की थी.