जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रतापनगर थाना पुलिस की ओर से यूरिया को मादक पदार्थ मैथलिन डायोक्सि बताकर युवक को गिरफ्तार करने के मामले में नाराजगी जताई है. अदालत ने युवक को जमानत पर रिहा करते हुए आदेश की कॉपी उचित कार्रवाई के लिए डीजीपी को भेजी है.
अदालत ने डीजीपी को कहा है कि वे जांच अधिकारी एसआई सुंदर लाल पर कार्रवाई के संबंध में निर्णय लें. वहीं,अदालत ने सरकारी वकील को कहा है कि वह आरोपी की रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाए. न्यायाधीश एसपी शर्मा की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश आयुष कुमार श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर दिए.
जमानत अर्जी में कहा गया कि गत 27 मई को मिली एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता से जब्त की गई वस्तु जांच में यूरिया निकली है, जबकि पुलिस ने इसे मादक पदार्थ एमडी बताकर गिरफ्तारी किया था. ऐसे में जांच अधिकारी को उसकी रिहाई के लिए निचली अदालत में प्रार्थना पत्र भी पेश करना चाहिए था.
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वहीं, सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी एसआई सुंदर लाल अदालत में पेश हुए, लेकिन याचिकाकर्ता की रिहाई के लिए सीआरपीसी की धारा 169 के तहत प्रार्थना पत्र पेश नहीं करने को लेकर जांच अधिकारी अपने जवाब से अदालत को संतुष्ठ नहीं कर सके, इस पर सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि पुलिस को गत दिनों ही एफएसएल रिपोर्ट मिली है. याचिकाकर्ता की रिहाई के लिए जल्दी ही निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रताप नगर थाना पुलिस ने गत 22 फरवरी को आयुष कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर मादक पदार्थ एमडी की 13 ग्राम मात्रा बरामद करना बताकर एनडीपीएस कोर्ट में आरोप पत्र भी पेश कर दिया था, लेकिन एफएसएल रिपोर्ट में एमडी के स्थान पर यूरिया होना पाया गया.