जयपुर. मकर सक्रांति का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. मकर सक्रांति पर गुलाबी नगरी में पतंगबाजी का काफी क्रेज रहता है लेकिन यह पतंगबाजी कई बार इंसानों की जिंदगी पर भारी पड़ जाती है. पतंग की डोर से दुर्घटनाएं होती है. वहीं कई लोग लोग पतंगबाजी करते हुए रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है. मकर सक्रांति पर रेलवे प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि पतंगबाजी करते समय रेलवे ट्रैक से दूर रहे.
रेलवे ट्रैक के आसपास पतंगबाजी करने से जीवन को खतरा होता है. पतंग लूटने के चक्कर में कई बच्चे और युवा रेलवे ट्रैक पर दौड़ते हैं. रेलवे ट्रैक पर दुर्घटना होने की संभावना रहती है. रेलवे ट्रैक पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल की ओर से अभियान भी चलाया गया है. अभियान चलाकर रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले आबादी क्षेत्रों के लोगों को जागरूक किया गया है. लोगों से समझाइश की गई है कि ट्रैक पर कोई भी बच्चे और युवा पतंगबाजी करने के लिए नहीं आए. जिससे दुर्घटना होने से बचा जा सके.
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उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार मकर सक्रांति पर जयपुर में पतंगबाजी की जाती है. उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकतर क्षेत्रों में विद्युतिकृत रेलखंड शुरू कर दिए गए है. आम लोगों से अपील की गई है कि वह अपने बच्चों को पतंगबाजी के दौरान रेलवे ट्रैक के पास नहीं आने दे. तेज रफ्तार रेलगाड़ियां किसी भी दिशा से आने पर दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है. साथ ही पतंग की डोर के विद्युतीकरण लाइनों के संपर्क में आने से बिजली का झटका भी लगने की संभावना रहती है.
शशिकिरण के अनुसार रेल परिसर और रेलवे ट्रैक पर अनाधिकृत प्रवेश करना खतरनाक है और दंडनीय अपराध भी है. रेलवे अधिनियम के अनुसार रेलवे सीमा में अनाधिकृत प्रवेश करने पर ₹500 जुर्माने का प्रावधान है. इसलिए रेलवे ट्रैक से दूर रहकर ही पतंगबाजी का आनंद लें.