जयपुर. महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए अभियान 'आवाज' की शुरुआत की गई है. राजधानी जयपुर में अभियान 'आवाज' के तहत 'अपनी बात' बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक महिला और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए माणक चौक थाने में बैठक आयोजित हुई.
प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने, अपने अधिकारों और कानूनों के प्रति सजग करने, लैंगिक समानता उत्पन्न करने, महिला अपराधों में कमी लाने और युवाओं और बालकों में महिला सुरक्षा व सम्मान भावना जागृत करने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस की ओर से एक विशेष अभियान आवाज की शुरुआत की गई है.
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जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के निर्देशन में एडीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता और एसीपी माणक चौक राजवीर सिंह के नेतृत्व में माणक चौक थाना अधिकारी जितेंद्र सिंह की ओर से विशेष अभियान आवाज के तहत अपनी बात बैठक का आयोजन किया गया. जिसके तहत महिला अत्याचार, बलात्कार की घटनाओं को रोकने के साथ महिलाओं की सुरक्षा संबंधित कानूनी जागरूकता, युवाओं को नारी सम्मान के महत्व को समझाने के लिए माणक चौक क्षेत्र की महिलाओं और बालिकाओं, एनजीओ, संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक रूप से सक्रिय महिलाओं और बालिकाओं की मीटिंग रखी गई.
जिसमें महिला अत्याचार और बलात्कार संबंधित कानूनी विषय के बारे में जागरूकता और सभी आमजन को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. बैठक में माणक चौक थाना अधिकारी जितेंद्र सिंह राठौड़, महिला थाना अधिकारी राजबाला, विधि सलाहकार अधिवक्ता पिंकी बाकोटिया, महिला एनजीओ शिखर फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल लश्करी, सेल्फ डिफेंस और श्री योगा संस्थान प्रबंधक श्वेता और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी महिलाएं और बालिकाएं शामिल हुई.
ऑपरेशन आवाज के तहत अपनी बात कार्यक्रम के माध्यम से महिला अपराध, दुष्परिणाम और कानूनी संबंधित जानकारियां साझा की गई. इस तरीके से छोटे-छोटे मोहल्ले वाइज महिलाओं के ग्रुप बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से कानूनी जागरूकता और युवाओं को नारी सम्मान के महत्व को समझाने के लिए समय-समय पर प्रयास किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, आशा सहयोगिनी और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी सक्रिय रुप से जोड़ा जाएगा. ऑपरेशन आवाज के माध्यम से अपनी बात को सफल बनाने के लिए प्रत्येक माह नियमित रूप से बैठकों का आयोजन किया जाएगा.
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महिला जागरूकता सुरक्षा कानून और अधिकारों के प्रति सजग करना, लैंगिक समानता उत्पन्न करना, महिला अपराधों में कमी लाने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर उसकी नियमित समीक्षा प्रत्येक महीने की मीटिंग में करने का प्रस्ताव रखा गया है.