जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. मुख्य सचिव की ओर से पेश जवाब में कहा गया, कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया ने गत 21 जनवरी को बंगला खाली कर उसका कब्जा पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया है. इसके अलावा वसुंधरा राजे विधायक होने के नाते इस आवास में रहने के लिए अधिकृत हैं.
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब पर अपना प्रति जवाब पेश करने के लिए अदालत ने याचिकाकर्ता को 20 अप्रैल का समय दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मिलाप चंद डांडिया की अवमानना याचिका पर दिए.
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सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया, कि हाइकोर्ट का 4 सितंबर 2019 को आदेश देने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से वाहन और स्टाफ सहित अन्य सुविधाओं को वापस लिए जा चुका है. ऐसे में अदालती आदेश की पालना पूरी होने के कारण याचिका को खारिज किया जाए.
याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने बताया कि हाईकोर्ट ने गत 4 सितंबर को आदेश जारी कर राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7 बीबी और धारा 11(2) को रद्द कर दिया था. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बावजूद अबतक दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से सुविधाएं वापस नहीं ली गईं हैं.