जयपुर. अदालत ने कहा है कि महिला अभ्यर्थी अपने पिता के जाति प्रमाण पत्र के साथ 26 मार्च तक पुन: अपने दस्तावेज सत्यापन करा लें. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश उर्मिला देवी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि भर्ती में आरक्षित वर्ग की याचिकाकर्ताओं के अधिक अंक होने के बावजूद उन्हें यह कहते हुए सामान्य वर्ग में मान लिया कि उनके पास अपने पिता का जाति प्रमाण पत्र नहीं है. जबकि दस्तावेज सत्यापन के बाद याचिकाकर्ताओं ने अपनी आपत्तियों के साथ पिता का जाति प्रमाण पत्र भी पेश कर दिया था.
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लेकिन विभाग ने उसे स्वीकार नहीं किया, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने ऐसे अभ्यर्थियों को 26 मार्च तक पिता का जाति प्रमाण पेश करने का मौका दिया है.