जयपुर. लक्खी अन्नकूट के मौके पर महाआरती का भी आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद भक्त पंगत प्रसादी ग्रहण करेंगे. प्रसादी बनाने का काम शनिवार रात से ही शुरू कर दिया जाएगा. इस बार अन्नकूट महोत्सव में डेढ़ लाख से भी ज्यादा भक्तों के पहुंचने की संभावना है. बता दें कि अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रम साल 2017 में 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में भी दर्ज हो चुका है. पंगत प्रसादी वितरण से पहले लक्ष्मण डूंगरी के खोले में विराजे रामजी, हनुमानजी, अन्नपूर्णा, गायत्री, वैष्णों माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग सहित सभी देवालयों में 56 व्यंजनों के भोग लगाए जाएंगे.
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारीलाल शर्मा ने बताया कि खोले के हनुमान जी मंदिर में होने वाले 59वें अन्नकूट महोत्सव में डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे-बड़े, अधिकारी-कर्मचारी तथा राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं.
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पिछले साल 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका यह महोत्सव
साल 2017 में सीमित समय में सवा लाख भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की, जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. अन्नकूट में मूंग, चोला, बाजरा, चावल, गड़मड़ सब्जी, कढ़ी के साथ हलवा और भुजिया भी प्रसादी में शामिल किया जाएगा. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि उत्सव के दौरान रविवार को खोले के हनुमान जी के फल-सब्जी की झांकी, आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डू की झांकी, अन्नपूर्णा माता मंदिर में विभिन्न व्यंजनों की झांकी, अन्नकूट स्थल पर अमरनाथ शिवालय की बर्फ की झांकी सजाई जाएगी.
हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी लगेगी छप्पन भोग और चादर
खोले के हनुमानजी का यह अन्नकूट महोत्सव जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान में एक मिसाल माना जाता है. इसके अलावा आसपास के 100 मंदिरों में प्रसाद का भोग लगाया जाएगा. खोले के हनुमान मंदिर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग लगाई जाएगी. छप्पन भोग के अलावा अन्नकूट प्रसादी और चादर भी चढ़ाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को हनुमान जी महाराज का अभिषेक चोला धारण, श्रंगार, छप्पन भोग, फल सब्जियों की झांकी से अन्नकूट समारोह की शुरुआत की जाएगी. इसके साथ ही वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा वेद उच्चारण, हरिनाम संकीर्तन, संत महंतों द्वारा हनुमान जी की आरती, श्री नरवर आश्रम सेवा समिति की ओर से संत महंतों का सम्मान और भजन गायन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.