जयपुर. प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर विपक्ष जहां सत्तापक्ष पर निशाना साध रहा है, तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर साफ कर दिया कि जल्द ही ओलावृष्टि से हुए नुकसान और औसत से कम बारिश वाले इलाकों के पीड़ित लोगों को सहायता दी जाएगी. विशेष गिरदावरी के लिए सभी जिलों के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जा चुके हैं.
पढ़ें- Bharatpur: चार करोड़ की लागत से बदलेगा 10 ऐतिहासिक मंदिरों का स्वरूप, जीर्णोद्धार कार्य शुरू
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में अतिवृष्टि और कुछ हिस्सों में बारिश औसत से कम हुई है, जो चिंता का विषय है. प्रशासन को स्थिति के अनुसार अलग-अलग जिलों में विशेष गिरदावरी के निर्देश दिए हैं, जिससे पीड़ितों को समय पर सहायता उपलब्ध कराई जा सके.
गहलोत ने कहा कि कम बारिश वाले जिलों में पूर्व का यह अनुभव है कि अगस्त के महीने में अधिक वर्षा होती है, जिससे बारिश का स्तर सामान्य हो जाता है. मौसम विभाग के पूर्वानुमानों से इस बार भी ऐसी उम्मीद की जा रही है.
बता दें कि प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में अधिक बारिश होने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं और किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं फसलों के साथ किसानों के कच्चे मकान और जानवरों पर भी इसका बड़ा नुकसान सामने आया है. ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश भी जारी किए थे.
लेकिन, विपक्ष लगातार सरकार पर इस बात का आरोप लगा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिविल लाइंस स्थित अपने बंगले से बाहर नहीं निकल रहे और प्रदेश की जनता प्राकृतिक आपदा से पूरी तरीके से ग्रस्त है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष के इस आरोप पर एक वीसी दौरान इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि वह कोरोना संक्रमण के दौर में बाहर इसलिए नहीं निकल रहे क्योंकि वह अगर घर से बाहर निकलेंगे तो लोग इकट्ठे होंगे और फिर आरोप लगेंगे कि मुख्यमंत्री ही कोरोना प्रोटोकॉल की पालना नहीं कर रहे हैं.