जयपुर. कोरोना महामारी के बीच मरीजों के लिए एक बुरी खबर है. बुधवार से प्रदेश में एंबुलेंस सेवा ठप रहेगी. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा है कि जो मांगें यूनियन की ओर से सरकार के समक्ष रखी गई थीं, उन मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया है. इसी के विरोध में 21 अक्टूबर यानी बुधवार से प्रदेश भर में एंबुलेंस सेवा पूर्ण रूप से ठप रहेगी.
राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों को लेकर पिछले 6 महीने से एंबुलेंस कर्मचारी लगातार सरकार से वार्ता कर रहे हैं, लेकिन आज तक एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया. वहीं, उच्च न्यायालय द्वारा नवंबर दिसंबर वर्ष 2019 में 20 फीसदी वेतन बढ़ाने का आदेश दिया गया था, जिसे आज तक लागू नहीं किया गया है.
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इसके अलावा कर्मचारी यूनियन का यह भी कहना है कि एंबुलेंस सेवा को भविष्य में संचालित करने के लिए जो निविदा निकाली गई थी. उसमें एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों को शामिल नहीं किया गया. जिसके चलते बीते 12 सालों से एंबुलेंस संचालन कंपनी कर्मचारियों का शोषण कर रही है. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने यह भी आरोप लगाया है कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके इएमआरआई की तरफ से कर्मचारियों को परेशान भी किया जा रहा है और कोरोना महामारी के दौरान जहां एंबुलेंस कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है.
वहीं, कंपनी की ओर से ना तो मास्क और ना ही सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अलावा कबाड़ हो चुकी एंबुलेंस को भी कंपनी जबरदस्ती काम में लेने का दबाव कर्मचारियों पर बना रही है. ऐसे में त्रस्त होकर कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश में 108 और 104 एंबुलेंस की चक्का जाम करने की घोषणा कर दी है.