जयपुर. ऑल इंडिया टैक्स प्रणाली को लेकर टैक्सी गाड़ी चलाने वाले संचालकों में आक्रोश व्याप्त है. ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के बैनर तले गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का विरोध किया गया. जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन भी दिया गया.
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ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह महरौली ने बताया कि केंद्र सरकार एक अप्रैल से राज्य के बीच एक मुश्त सालाना कर प्रणाली लागू करने जा रही है जो हमारे लिए कमर तोड़ने वाली साबित होगी. उन्होंने कहा कि हमारी ज्यादातर टैक्सी गाड़ियां राज्य में ही संचालित होती है और बहुत कम संख्या में दूसरे राज्य में जाती है. इसलिए इस टैक्स प्रणाली से हम पर अनावश्यक भार आएगा जिस पर ध्यान दिया जाए.
महरौली ने कहा कि राज्य के बीच टैक्सी व्यवस्था को लेकर मतभेद भी शुरू हो जाएंगे, जिनके कारण हमें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. राजस्थान में पर्यटन एक उद्योग है जिसमें लाखों टैक्सी ड्राइवर, गाइड और अन्य लोगों को रोजगार मिला हुआ है. कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई राहत भी नहीं दी गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में ढेर सारा बजट दिया गया.
दिलीप सिंह महरौली ने कहा कि जब नई टैक्सी गाड़ी खरीदी जाती है तो राजस्थान सरकार को एक मुश्त रॉड टैक्स के रूप में पैसा जमा कराते हैं. राजस्थान सरकार का टैक्स अन्य राज्यों से सर्वाधिक है, इसलिए ऑल इंडिया टैक्स प्रणाली की कोई आवश्यकता नहीं है. महरौली ने मांग की कि केंद्र सरकार ने टैक्स प्रणाली लागू कर हमें परेशान कर रही है. अगर ऐसा होगा तो स्वतः ही स्वरोजगार समाप्त हो जाएंगे. इससे छोटे-छोटे ट्रांसपोर्टर खत्म हो जाएंगे और बेरोजगारी भी बढ़ेगी.
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ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन ने जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन दिया. साथ ही ऑल इंडिया टैक्स प्रणाली को लागू करने का विरोध जताया. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर टैक्सी गाड़ी संचालकों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
दिलीप सिंह महरौली ने कहा कि ऑल इंडिया टैक्स प्रणाली को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. राजस्थान में भी अलग-अलग जिलों में टैक्सी गाड़ी संचालक टैक्स को लेकर विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के जरिए टैक्सी गाड़ी संचालकों पर 75 हजार से लेकर 3 लाख तक का भार थोपा जा रहा है.