जयपुर. प्रदेश में बंद किए पुस्तकालय और वाचनालय को शुरू करने की मांग एक फिर तेज होने लगी है. बता दें कि मंगलवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रदेश के सभी महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालयों और वाचनालयों को फिर से संचालित करने की मांग की है. साथ ही उनमें भारत सरकार के नए साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रेरकों को नियुक्त करने की भी मांग की है.
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पूर्व शासनकाल में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय की स्थापना की गई थी. ऐसे में उनमें दो प्रेरक की नियुक्ति भी की गई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद दिसंबर 2018 में इन सभी प्रेरकों को कार्य से निष्कासित कर दिया. ऐसी स्थिति में राज्य में करीब 18 हजार प्रेरक बेरोजगार हो गए और सभी वाचनालय भी बंद हो गए.
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उन्होंने कहा कि अब भारत सरकार ने साक्षरता विभाग के लिए एक नया पढ़ना-लिखना कार्यक्रम तय किया है. जिसमें इन सभी निष्कासित प्रेरकों का समायोजन किया जा सकता है. राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि भारत सरकार के नए साक्षरता कार्यक्रम में पूर्व प्रेरकों का यथास्थिति में समायोजन किया जाए. ताकि राज्य में पूर्व स्थापित महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय पुनः संचालित हो सकें. कर्मचारी महासंघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इन मांगों को समय रहते पूरा नहीं करती है तो महासंघ इन पुस्तकालयों और वाचनालयों के प्रेरकों के साथ मिलकर आंदोलन करेगा. जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.