जयपुर. आने वाले समय की आवश्यकताओं और मांग को देखते हुए राजस्थान आवासन मंडल की ओर से भविष्य में बनाए जाने वाले बहुमंजिला भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाया जाएगा. बुधवार को मंडल मुख्यालय स्थित बोर्ड रूम में सीआईआई-इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया.
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि इसकी शुरुआत जयपुर में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत प्रतापनगर और इंदिरा गांधी नगर योजना में बनने वाले भवनों से की जाएगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी आवासीय योजना और ऑल इंडिया सर्विसेज एजेंसी प्रताप नगर के भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाया जाएगा.
ये पढ़ें: जयपुर: विद्युत कर्मचारी एसोसिएशन ने सीएम के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन, रखी ये मांगे
उन्होंने ग्रीन बिल्डिंग के फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि इस कंसेप्ट पर बिल्डिंग निर्माण से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलेगी. उपभोक्ताओं को कम कीमत पर किफायती आवास मिल सकेंगे. इसके साथ ही ऊर्जा और जल संरक्षण की वजह से भविष्य में पानी और बिजली पर किया जाने वाले व्यय भी कम हो सकेंगे. ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त एफएआर दी जाती है. इसके साथ ही नए बिल्डिंग बायलॉज में 20 हजार वर्ग फीट से अधिक के निर्मित क्षेत्रफल वाले भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट पर बनाना आवश्यक किया जा रहा है.
ये पढ़ें: जयपुर: कोरोना नियमों की पालना के लिए निकाली गई रैली में मास्क तो लगाया, हैलमेट भूले
बता दें कि मंडल द्वारा इस संबंध में अग्रिम पहल करते हुए ग्रीन बिल्डिंग बनाने की शुरुआत की जा रही है. ग्रीन बिल्डिंग कंसेप्ट में बिल्डिंग के निर्माण से लेकर रखरखाव में पर्यावरण का महत्वपूर्ण रोल रहता है. इस तरह की बिल्डिंग में प्राकृतिक संपदा का उपयोग ज्यादा किया जाता है. ग्रीन बिल्डिंग में बिजली-पानी और अन्य संसाधनों की खपत एक आम बिल्डिंग से कम होती है.