जयपुर. भारत से कुपोषण को समाप्त करने और महिलाओं को संबल देने संबंधी केंद्र सरकार की योजनाओं को राजस्थान में गहलोत सरकार का साथ नहीं मिल (Alka Gurjar targets CM Ashok Gehlot) रहा. यही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रूप से चलाई जाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में राजस्थान का देश में नीचे से तीसरा नंबर है. यह कहना है भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर का. गुर्जर ने प्रशासन के शोभायात्रा व अन्य आयोजनों में डीजे पर बजाए जाने वाले गानों को लेकर लगाई पाबंदी पर भी नाराजगी जताई.
मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुई अलका सिंह गुर्जर ने कहा कि नेशन में जब तक न्यूट्रिशन नहीं होगा, तब तक देश विकसित नहीं हो सकेगा और विकासशील देशों से निकलकर विकसित राष्ट्र तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि देश का हर बच्चा तंदुरुस्त हो और कुपोषण से दूर हो. गुर्जर ने कहा एनीमिया मुक्त भारत के सपने के साथ ही केंद्र सरकार ने मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत राजस्थान के झुंझुनू से की थी. गुर्जर ने कहा अब तक इस योजना पर 10181 करोड़ रुपए का खर्च हुए हैं. वहीं मां को गर्भावस्था के दौरान 6000 रुपए देने की व्यवस्था भी योजना में की गई.
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गुर्जर ने संबल योजना और निर्भया फंड सहित कुछ योजनाओं में प्रदेश सरकार का साथ नहीं मिलने के मामले में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. इस दौरान गुर्जर ने प्रशासन के धार्मिक व अन्य आयोजनों में डीजे पर बजाए जाने वाले गीतों को लेकर लगाई गई पाबंदी पर भी सवाल खड़ा किया. गुर्जर ने कहा यदि वंदे मातरम कहना अपराध है, तो यह अपराध हम करेंगे. भगवान राम का उद्घोष लगाना यदि अपराध है, तो यह हम बार-बार करेंगे और बिना डरे करेंगे.
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राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट के जरिए सरकार पर साधा निशाना: प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस राज में कुप्रबंधन का ही नतीजा है कि नौनिहाल के जीवन के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है. कोटा के बाद अब ब्यावर के अमृत कोर चिकित्सालय में 2 शिशुओं की मौत सरकार के माथे पर कलंक है. राठौड़ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राज्य सरकार से मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की.