जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को सभी विभागों के अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है. हालांकि, बैठक जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति को लेकर होगी, लेकिन पौने तीन साल में घोषणा पत्र (Manifesto) को संकट के समय में याद आने पर सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया.
दरअसल, कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले घोषणा पत्र जारी किया था, जिसे सत्ता में आने के साथ ही सरकारी दस्तावेज में शामिल करते हुए मुख्य सचिव को यह जिम्मेदारी दी थी कि वह घोषणा पत्र की क्रियान्विति कराएंगे. जिसको लेकर मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिए गए थे कि वह हर महीने विभागवार जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति को लेकर समीक्षा करेंगे और उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय पर भेजेंगे.
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मुख्य सचिव जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति को लेकर समय-समय पर विभागों से समीक्षा करते रहें, लेकिन उन्हीं समीक्षाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल यानी बुधवार को जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति को लेकर अहम बैठक बुलाई है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे पूर्व भी इस विषय पर बैठक ले चुके हैं, लेकिन जिस तरह से प्रदेश में सियासी हलचल चल रही है, एक ओर जहां कांग्रेस प्रभारी अजय माकन राजस्थान के दौरे पर हैं और कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल को शांत करने की कोशिश में लगे हैं.
इसीलिए अजय माकन सभी विधायकों से अगले अपने राजस्थान दौरे पर संवाद करेंगे और उनसे फीडबैक लेंगे. अजय माकन के दौरे के बीच में मुख्यमंत्री की इस तरह की सभी विभागों को लेकर बड़ी बैठक बुलाना सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बैठक के जरिए सरकार के पौने 3 साल की उपलब्धियों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं या एक मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार ने पिछले पौने 3 साल में किस तरह से जनता के लिए जन कल्याणकारी काम किया है.