जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई के बीच गुरुवार को ऑनलाइन वीसी के जरिए प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने साफ कहा कि हमारे पास पूरा संख्या बल है. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि फ्लोर टेस्ट के लिए हमारे पास बहुमत है, इसको लेकर हम पूरी तरह से आश्वस्त भी हैं.
माकन ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हाईकोर्ट का निर्णय शुक्रवार सुबह आएगा. एक सेक्शन यह कहता है कि हम अभी फ्लोर टेस्ट के लिए चले जाएं और दूसरा कहता है कि हाईकोर्ट के निर्णय के बाद जाएं. जिससे किसी के पास कोई बहाना नहीं हो. उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक लड़ाई है, इसमें कोर्ट का निर्णय एक हिस्सा है. बात यह होती है कि आपके पास हाउस में नंबर कितने हैं. इसको लेकर हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं.
पढ़ेंः विरोधियों पर फिर बरसे गहलोत, कहा- लोकतंत्र की हत्या कर रही है भाजपा
संख्या के रूप में हमारे पास 15 से 20 की बढ़त है. फ्लोर टेस्ट में हमें कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि हम हाईकोर्ट में पहले नहीं गए. जो विधायक की मीटिंग अटैंड नहीं कर रहे थे, वे लोग कोर्ट गए. हम उसके बाद कोर्ट में जवाब देने गए. बागी विधायकों और सचिन पायलट को लेकर माकन ने कहा कि हम उनसे जानकारी चाह रहे हैं, उनसे बात करना चाह रहे हैं. हम कह रहे हैं कि आइये हम आपकी बात सुनेंगे. हम पूरे मामले को देखेंगे, जिससे किसी भी तरह से अन्याय नहीं हो.
क्या पार्टी के चुने गए विधायक अपने ही सीएम से फ्लोर टेस्ट मांगते हैं
बागी विधायकों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अजय माकन ने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी के चुने गए विधायक अपने ही पार्टी के मुख्यमंत्री से फ्लोर टेस्ट की मांग करता है. आप जिस पार्टी में हैं उसी के सीएम से फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे या ये काम विपक्ष करता है. कोर्ट में पैरवी करने वाले मुकुल रोहतगी, हरीश साल्वे कौन हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत का विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ क्या संबंध है. उन्होंने कहा कि ईडी सीएम अशोक गहलोत के बड़े भाई और उसके बाद उनके बेटे के पीछे पड़ गई. ये बताता है कि इसमें भाजपा का हाथ है. कांग्रेस अध्यक्ष को अगर कोई बात कहनी थी तो पीसीसी में मीटिंग बुलाकर बात कर सकते थे, उन्हें कौन रोक सकता था.
हम सभी पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं
हम सभी कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं इसी लिए हम पार्टी में हैं. इसलिए नहीं हैं कि कोई पद मिल जाए तो कांग्रेस में हैं, नहीं मिले तो हम कांग्रेस में नहीं हैं. आपको भी इसी हिसाब से देखना होगा. अगर आपको कोई पद नहीं मिलेगा तो क्या आप भाजपा के जरिए कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे. ऐसे में तो आप कांग्रेस के हितैषी ही नहीं हैं.