जयपुर. लॉकडाउन में रेलवे की भी कमर टूट गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे को करीब 100 रुपये कमाने के लिए 340 रुपये रोजाना खर्च करने पड़ रहे हैं, तो राजस्थान की हवाई यात्रियों का 100 करोड़ रुपए से अधिक का रिफंड भी अटक गया है. रेलवे के मुनाफे और नुकसान का आकलन यदि अनुपात में किया जाता है, तो इस अनुपात से यह पता लगाया जा सकता है, कि एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच ट्रेन चलाने में रेलवे को खर्च के अनुपात में आय कितनी हुई है.
राजस्थान के 90 फीसदी हिस्से में फैले उत्तर पश्चिम रेलवे को इस बार आय के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और रेलवे को काफी नुकसान भी हुआ है. वहीं रेलवे को वर्ष 2019 में 100 रुपये कमाने के लिए 112 रुपए खर्च करने पड़े थे. वहीं कोरोना ने इस बार रेलवे के इस गणित को बिगाड़ दिया और रेलवे को इस बार इस महामारी के चलते 100 कमाने के लिए 340 खर्च करने पड़ रहे हैं.
कोरोना के चलते उत्तर पश्चिम रेलवे को हुआ 270 करोड़ का घाटा
उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल अप्रैल में 270 करोड़ का घाटा हुआ है. रेलवे को बीते वर्ष अप्रैल माह में फ्रेट और पैसेंजर ट्रेनों से 595 करोड रुपये की आय हुई थी, जो इस बार घटकर 225 करोड़ रह गई है. रेलवे को पिछले वर्ष इस अवधि में यात्री किराए से 172 करोड़ की आय हुई थी. वहीं माल गाड़ियों के किराए से पिछले साल की तुलना में इस साल 117 करोड़ रुपये की आय कम हुई है.
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राजस्थान के एविएशन सेक्टर का 100 करोड़ रुपये से अधिक का अटका रिफंड
एयरपोर्ट की वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते देशभर में फ्लाइट का संचालन पूरी तरह से प्रभावित रहा है. वहीं जयपुर से संचालित होने वाली सभी 7 इंटरनेशनल फ्लाइट का संचालन 20 मार्च से बंद रहा है. यही नहीं 24 मार्च से 55 घरेलू फ्लाइट का संचालन बंद कर दिया गया था. ऐसे में जयपुर सहित पूरे राजस्थान में करीब 60 लाख यात्रियों का 100 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड अटक गया है.