जयपुर. ऑनलाइन ट्रेड और ऑनलाइन शॉपिंग एप संचालक कंपनीयां भारतीय खुदरा बाजार को क्षति पहुंचाने के साथ ही सरकार और आम ग्राहकों से भी छल पूर्वक व्यापार का संचालन कर रही है. जिसके प्रभाव से रिटेल बाजार खत्म सा हो रहा है और काम धंधे चौपट हो रहे हैं.
ऐसी ऑनलाइन कंपनियां फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करके अपनी लॉसेज दिखाकर पैसा इंडिया से सेल आउट करवा रही है. बड़े डिस्काउंट देकर व्यापार करने वालों में टॉप 90 फीसदी ट्रेड 18 कंपनियां ऑनलाइन के माध्यम से देश में कर रही है. बाकी शेष 5 फीसदी रिटेल के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं. जिसके विरोध में AIMRA, CAIT और TRCA के संयुक्त बैनर तले आंदोलन किया जा रहा है.
खुदरा बाजार और रिटेल बाजार को खत्म करने के लिए षड्यंत्र के खिलाफ दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में 6 से 8 जनवरी तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होने जा रहा है. जिसमें राजस्थान से TRCA जो AIMRA का भी प्रदेश में प्रतिनिधित्व करती है, वह भी आंदोलन में शामिल रहेगी.
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AIMRA और TRCA के लगभग 1500 से ज्यादा मोबाइल व्यापारी इसमें भाग लेने के लिए 8 जनवरी को दिल्ली जाएंगे. जिसके चलते राजस्थान में एक तरह से रिटेल मोबाइल आउटलेट्स ठप सा हो जाएगा. जिससे आम ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
टीआरसीए एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुनील गुप्ता और प्रवक्ता नवीन पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 जनवरी को जयपुर सहित राजस्थान भर में रिटेल मोबाइल आउटलेट्स बंद रहेंगे. चूंकि मोबाइल रिटेल बाजार पर ऑनलाइन ट्रेड से बुरा असर पड़ा है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ समय में भारत में 40 हजार मोबाइल रिटेल स्टोर बंद हो गए हैं, जिससे 6 लाख लोगों का रोजगार चला गया है.
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पिछले दो माह में जयपुर में 55 मोबाइल रिटेलर स्टार्स बंद हो गई है, जिससे समस्या की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. क्योंकि ऑनलाइन कंपनियां अगले 3 साल तक अपना लॉस बुक करके व्यापार तेजी से बढ़ाने की कवायद में जुटी हैं. ऐसी कंपनियां बाजार मूल्य ही नहीं प्रोडक्ट के कंपनी मूल्य से भी बेहद कम मूल्य पर ऑनलाइन उत्पाद बेच रही है.
ऐसे में इस मुहिम की तीन मुख्य मांगे हैं, कि सबसे पहले ईकॉमर्स कंपनीयों द्वारा प्रेस नोट-2 का पालन किया जाए. दूसरा FDI का दुरुपयोग बंद हो और ब्रांच द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों को एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट देना बंद करना होगा. ताकि खुदरा व्यापारियों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड बने और व्यापार बढ़ सके. इसके लिए इन संगठनों ने सरकार से इस पर लगाम लगाने के लिए एक मॉनिटरिंग एजेंसी या रेगुलेटरी बॉडी बनाने की गुजारिश की है.