जयपुर. सीएम आवास पर मुलाकात करने वाले निर्दलीय विधायकों में संयम लोढ़ा, खुशवीर सिंह, आलोक बेनीवाल, सुरेश टांक, रामकेश मीणा,महादेव खंडेला,ओम हुडला,बाबूलाल नागर, रमिला खड़िया, लक्ष्मण मीणा, कांति मीणा के नाम शामिल थे. इन सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को समर्थन देने का भरोसा दिलाया. राज्यसभा (Rajya Sabha Election 2022) में तीसरी सीट के लिए दावेदारी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस को निर्दलीयों का ही सहारा है. यही वजह है कि प्रदेश के मुखिया खुद ये जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
एक सीट का सवाल, रोचक है खेल!: जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव में राजस्थान में दो सीटों के लिए कांग्रेस के पास ज़रूरी बहुमत है, लेकिन मामला तीसरे पर ही अटका है. सीएम ने निर्दलीयों से मिलकर उम्मीद बरकरार रखने की कोशिश की है. बताया गया है कि सभी विधायकों ने एक सुर में गहलोत को तीसरी सीट पर जीत (CM Ashok Gehlot Met Independents) का भरोसा दिलाया है. राजस्थान में कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, आरएलपी के 3, बीटीपी के 2, माकपा के 2 और आरएलडी का एक विधायक हैं. इस प्रकार कांग्रेस के पास कुल 126 विधायक हैं. भाजपा के पास 74 विधायक. संख्या बल के आधार पर कांग्रेस अगर 3 प्रत्याशी खड़ा करती है तो उन्हें जिताने के लिए 41-41-41 यानी कुल 123 वोट चाहिए. जबकि बीजेपी यदि 2 प्रत्याशी खड़े करेगी,तो उन्हें जिताने के लिए 41-41 यानी कुल 82 वोट चाहिए. ऐसे में 1 सीट के लिए मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है, हालांकि इसके लिए भाजपा को कांग्रेस खेमे के 8 वोट तोड़ने होंगे,जो बेहद मुश्किल नजर आ रहा है.
दो निर्दलीय विधायक नहीं आए: सीएम ने 13 में से 11 से मुलाकात की. 11 का भरोसा मिला लेकिन 2 नदारद रहे. इन दोनों का गायब होना ही चर्चा का सबब बन गया है. ये दो हैं राजकुमार गौड़ और बलजीत यादव. जिनका बाहर से कांग्रेस को समर्थन हासिल है. इस पॉजिटिव सपोर्ट के बावजूद सीएम आवास पर न पहुंचना कांग्रेस के लिए वर्तमान हालातों में नेगेटिव हो सकता है. सीएम आवास पर पहुंचने से पहले सभी 11 विधायकों ने राजस्थान विधानसभा में एक मीटिंग कर कांग्रेस का साथ निभाने पर सहमति से फैसला लिया था.