जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि पर्यवेक्षक भर्ती 2018 में अनियमितता के मामले में कृषि सचिव और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश अविनाश कुमार शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिया.
याचिका में कहा गया कि कृषि पर्यवेक्षक के 1832 पदों के लिए गत वर्ष 25 मई को भर्ती निकाली गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया कि भर्ती की लिखित परीक्षा के 50 फ़ीसदी प्रश्न एक ही गाइड में से पूछे गए. वहीं परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए थे. इसके अलावा एसओजी ने भी परीक्षा का प्रश्न पत्र 7 लाख रुपए में बेचने के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था.
याचिका में कहा गया कि वर्ष 2008 में तृतीय श्रेणी पंजाबी अध्यापक भर्ती में भी 50 फीसदी एक ही गाइड में से आए थे. ऐसे में उस परीक्षा को रद्द किया गया था. याचिका में गुहार की गई की कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा को भी रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
आईटीआई वाइस प्रिंसिपल भर्ती 2018:
राजस्थान हाईकोर्ट ने आईटीआई वाइस प्रिंसिपल भर्ती 2018 में चयन का आधार सिर्फ साक्षात्कार को रखने पर तकनीकी शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव और आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश आलोक शर्मा और न्यायाधीश एन एस ढडढा की खंडपीठ ने यह आदेश राजकुमार की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिया. याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राजस्थान तकनीकी शिक्षा सेवा नियम 2010 के तहत साक्षात्कार के आधार पर चयन का प्रावधान है. भर्ती में अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन करने पर आयोग स्क्रीनिंग टेस्ट लेता है, लेकिन इसके अंक चयन के लिए शामिल नहीं किए जाते हैं.
याचिका में कहा गया कि वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन कर दूसरी समान भर्तियों में स्क्रीनिंग के अंको को भी चयन के लिए शामिल करने का प्रावधान किया था. जबकि आईटीआई वाइस प्रिंसिपल भर्ती में इस संशोधन को लागू नहीं किया गया है. याचिका में गुहार की गई है कि इस भर्ती में भी चयन के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के अंकों को शामिल किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.