जयपुर. प्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध लगे काफी अरसा हो चुका है. बावजूद इसके शिक्षा विभाग में परदे के पीछे तबादलों के नाम पर एक नया खेल शुरू हो गया है. शिक्षण व्यवस्था के नाम पर हाल ही में शिक्षा विभाग में अपने चहेतों को उनके मनमाफिक स्थान पर लगा दिया.
हाल ही में 21 शिक्षकों के तबादलों की एक सूची जारी हुई है. हालांकि इस सूची को विभाग ने सार्वजनिक नहीं किया. लेकिन जब इसका खुलासा हुआ तो इस पर सियासत भी शुरू हो गई. भाजपा विधायकों ने शिक्षा मंत्री और सरकार पर तबादला उद्योग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
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पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी के अनुसार प्रदेश के शिक्षा विभाग में तबादला उद्योग पहले से ही हावी है और अब तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद इस प्रकार की सूची निकाल कर यह साफ हो गया है कि तबादलों की आड़ में दूसरे ही धंधे विभाग में चल रहे हैं.
वहीं, पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने तो इस मामले में शिक्षा मंत्री पर ही कटाक्ष किया. उन्होंने कहा जब खुद कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी ही अपनी सरकार के शिक्षा मंत्री पर आरोप लगा रहे हैं तो फिर तबादलों के नाम पर उद्योग धंधे का आरोप गलत कैसे हो सकता है.
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तबादला सूची में जो ट्रांसफर हुए हैं वह सरकार के नेताओं, मंत्री और उनके पीए की अनुशंसा पर किए गए हैं. बकायदा सूची में यह भी अंकित किया गया है कि तबादला उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, जिला प्रमुख बीकानेर, शिक्षा मंत्री के पीए हेमंत, शिक्षा ग्रुप टू के उप सचिव रामेश्वर लाल जाट और गोविंद राम मेघवाल के नाम की अनुशंसा की गई है. आदेश जारी होने के बाद विभाग के अधिकारी बात करने को भी तैयार नहीं है.