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'सियासी सितंबर' : विधानसभा सत्र के बाद पूनिया-राजे के दौरे लाएंगे राजस्थान की सियासत में तूफान

राजस्थान की सियासत के लिहाज से आगामी सितंबर माह काफी महत्वपूर्ण रहेगा. सितंबर के पहले पखवाड़े में पंचायत राज चुनाव परिणाम और उसके बाद विधानसभा का सत्र रहेगा तो उसके ठीक बाद शुरू होंगे प्रदेश भाजपा के दो प्रमुख नेताओं के जिलेवार दौरे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के यही दौरे सितंबर में राजस्थान की सियासत में एक नया सियासी सैलाब का संकेत दे रहे हैं.

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राजस्थान भाजपा में हलचल...
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Published : Aug 25, 2021, 1:51 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 9:54 PM IST

जयपुर. सितंबर के पहले सप्ताह में पंचायत राज चुनाव के परिणाम आएंगे जो सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. इसके ठीक बाद 9 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू होगा. मतलब जयपुर में सभी 200 विधायक और पूरी सरकार जुटेगी और सदन में विधायी कार्य निपटाएगी. यह सिलसिला करीब एक सप्ताह चलेगा और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का उदयपुर और अजमेर संभाग में दौरा प्रस्तावित है. इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का भी करीब एक दर्जन जिलों में दौरे का कार्यक्रम बनाया जा रहा है.

सियासी दौरे पर भाजपा के दो शक्ति केंद्रों पर रहेगी सबकी नजर : वसुंधरा राजे सितंबर के दूसरे पखवाड़े में 2-3 से दिन उदयपुर और अजमेर संभाग में दौरे पर जा सकती हैं. इस दौरान राजे दिवंगत नेता किरण माहेश्वरी, गौतम लाल मीणा, रासा सिंह रावत, चुन्नी लाल धाकड़, शिवजी राम मीणा, हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जीतमल खाट के घर जाकर संवेदना भी व्यक्त करेंगी. साथ ही बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन का भी उनका कार्यक्रम है.

पढ़ें : गहलोत-पायलट के बीच जारी है नूरा कुश्ती का खेल, मंत्री भी हैं भ्रष्ट : कैलाश चौधरी

अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, बांसवाड़ा और उदयपुर जिले में राजे समर्थक नेताओं ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन तारीख का एलान होना बाकी है. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की सितंबर के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में संगठनात्मक दौरा व प्रवास करेंगे. दरअसल, पूनिया का यह प्रवास प्रदेश सरकार के खिलाफ जल्द ही शुरू किए जाने वाले अभियान को लेकर है. जिसके लिए वे जिलों में पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे.

पोस्टर विवाद के बाद बढ़ी है राजनीतिक तल्खी : पिछले दिनों भाजपा के पोस्टर से वसुंधरा राजे का फोटो हटाए जाने के विवाद के बाद राजस्थान भाजपा नेताओं में खेमाबाजी और गुटबाजी उभरकर सामने आई थी. हालांकि प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने तब राजस्थान में मोर्चा संभालते हुए सब कुछ शांत करने का प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद भी समय-समय पर बयानों के जरिए भाजपा के भीतर भी सियासी उबाल आता ही रहता है. अब जब यह दोनों ही प्रमुख नेता राजस्थान के अलग-अलग जिलों में दौरे पर रहेंगे, तब प्रदेश भाजपा में अंदरूनी सियासी उबाल देखने को मिल सकता है.

जयपुर. सितंबर के पहले सप्ताह में पंचायत राज चुनाव के परिणाम आएंगे जो सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. इसके ठीक बाद 9 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू होगा. मतलब जयपुर में सभी 200 विधायक और पूरी सरकार जुटेगी और सदन में विधायी कार्य निपटाएगी. यह सिलसिला करीब एक सप्ताह चलेगा और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का उदयपुर और अजमेर संभाग में दौरा प्रस्तावित है. इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का भी करीब एक दर्जन जिलों में दौरे का कार्यक्रम बनाया जा रहा है.

सियासी दौरे पर भाजपा के दो शक्ति केंद्रों पर रहेगी सबकी नजर : वसुंधरा राजे सितंबर के दूसरे पखवाड़े में 2-3 से दिन उदयपुर और अजमेर संभाग में दौरे पर जा सकती हैं. इस दौरान राजे दिवंगत नेता किरण माहेश्वरी, गौतम लाल मीणा, रासा सिंह रावत, चुन्नी लाल धाकड़, शिवजी राम मीणा, हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जीतमल खाट के घर जाकर संवेदना भी व्यक्त करेंगी. साथ ही बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन का भी उनका कार्यक्रम है.

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अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद, बांसवाड़ा और उदयपुर जिले में राजे समर्थक नेताओं ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन तारीख का एलान होना बाकी है. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की सितंबर के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में संगठनात्मक दौरा व प्रवास करेंगे. दरअसल, पूनिया का यह प्रवास प्रदेश सरकार के खिलाफ जल्द ही शुरू किए जाने वाले अभियान को लेकर है. जिसके लिए वे जिलों में पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे.

पोस्टर विवाद के बाद बढ़ी है राजनीतिक तल्खी : पिछले दिनों भाजपा के पोस्टर से वसुंधरा राजे का फोटो हटाए जाने के विवाद के बाद राजस्थान भाजपा नेताओं में खेमाबाजी और गुटबाजी उभरकर सामने आई थी. हालांकि प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने तब राजस्थान में मोर्चा संभालते हुए सब कुछ शांत करने का प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद भी समय-समय पर बयानों के जरिए भाजपा के भीतर भी सियासी उबाल आता ही रहता है. अब जब यह दोनों ही प्रमुख नेता राजस्थान के अलग-अलग जिलों में दौरे पर रहेंगे, तब प्रदेश भाजपा में अंदरूनी सियासी उबाल देखने को मिल सकता है.

Last Updated : Aug 25, 2021, 9:54 PM IST
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