जयपुर. पंजाब के बाद अब राजस्थान में भी सियासी घटनाक्रम तेजी से घट रहा है. 17 सितंबर को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात कर जयपुर पहुंचे सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने गुरुवार देर शाम स्पीकर सीपी जोशी से भी 2 घंटे लंबी मुलाकात की. इससे पहले भी बीते महीने सचिन पायलट और सीपी जोशी (CP Joshi) के बीच लंबी मुलाकात हुई थी. हालांकि, उस समय सचिन पायलट सीपी जोशी को उनके भाई के निधन के चलते सांत्वना देने पहुंचे थे.
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लेकिन, इस बार की मुलाकात पूरी तरह से सियासी मुलाकात है. ऐसे में माना जा रहा है कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) अब राजस्थान में भी पार्टी के नेताओं को साधने में लग गए हैं. सीपी जोशी (CP Joshi) और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान में एक बार फिर इन चर्चाओं को बल मिल रहा है कि राजस्थान में नवरात्रि में कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन विस्तार जैसे वह तमाम काम पूरे कर लिए जाएंगे, जिनका कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लंबे समय से इंतजार है.
कहा जा रहा है कि नवरात्र में ही यह भी तय हो जाएगा कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) को संगठन में राजस्थान या केंद्र कहां जिम्मेदारी दी जाती है. ऐसे में सचिन पायलट राजस्थान के उन तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जिनका राजस्थान में पूरा होल्ड है और सचिन पायलट उन नेताओं को अब अपने साथ साधने में जुट गए हैं.
क्यों महत्वपूर्ण है जोशी और पायलट की मुलाकात
राजस्थान में सीपी जोशी (CP Joshi) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) की मुलाकात के बीच सियासी मायने इसलिए निकाले जाते हैं, क्योंकि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बाद सीपी जोशी ही राजस्थान के वह नेता हैं जो कांग्रेस आलाकमान के भी पूरे संपर्क में है. साथ ही जिनके पास अपने समर्थक विधायक भी हैं. ऐसे में सीपी जोशी का साथ सचिन पायलट के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
क्या राहुल का कोई संदेश लेकर सीपी जोशी से मिलने पहुंचे सचिन
17 सितंबर को राहुल गांधी से लंबी मंत्रणा कर राजस्थान लौटे सचिन पायलट और स्पीकर सीपी जोशी के बीच गुरुवार देर शाम हुई मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. जिनमें कुछ जानकार यह भी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान का कोई मैसेज लेकर सीपी जोशी के पास पहुंचे थे.
बता दें कि सीपी जोशी वर्तमान में भले ही राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के तौर पर संवैधानिक पद पर हैं, लेकिन सीपी जोशी कांग्रेस आलाकमान के राजस्थान के सबसे नजदीकी नेताओं में से एक हैं. यही कारण था कि यूपीए सरकार में सीपी जोशी के पास रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय था तो वहीं सरकार जाने के बाद सीपी जोशी को 7 राज्यों का प्रभारी बनाया गया था. ऐसे में राजस्थान में अगर कोई बड़ा सियासी घटनाक्रम होता है तो उसके लिए सीपी जोशी का साथ भी कांग्रेस आलाकमान के लिए जरूरी है.