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पंजाब के बाद अब राजस्थान भी लाएगा केंद्र सरकार के किसान बिलों को प्रभावहीन करने के लिए विधेयक - Gehlot government latest news

केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध जारी है. सियासत के बीच पंजाब ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में विधेयक पेश किया है. इसके बाद अब राजस्थान की गहलोत सरकार भी किसान बिलों को प्रभावहीन करने के लिए विधेयक लेकर आएगी.

Gehlot government will bring bill against agricultural laws, Central agricultural law
राजस्थान भी लाएगा केंद्र सरकार के किसान बिलों को प्रभावहीन करने के लिए विधेयक
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Published : Oct 21, 2020, 8:56 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को लेकर पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध जारी है. तीनों कानूनों को लेकर किसानों के स्तर पर जितना विरोध हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा सियासी उबाल हर दिन देखने को मिल रहा है. सियासत के बीच पंजाब ने इसकी काट निकालते हुए विधानसभा में विधेयक पेश किया है. इसी राह पर अब राजस्थान की गहलोत सरकार भी चलने के लिए तैयार हो गई है. गहलोत ने भी सीएमआर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय किया है कि उनकी सरकार भी तीनों कानूनों को प्रभावहीन बनाने के लिए विधेयक लेकर आएगी. इसको लेकर विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी हो चुकी है.

राजस्थान भी लाएगा केंद्र सरकार के किसान बिलों को प्रभावहीन करने के लिए विधेयक

राजनीति के गलियारों में इस बिल को लेकर मचे तूफान से इतर किसान संगठनों के नेता पूरे मामले पर मिली-जुली राय दे रहे हैं. वे जहां कानून में कुछ संशोधन की मांग कर रहे हैं तो वहीं, साफ तौर पर यह भी कह रहे हैं कि इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए. क्योंकि ये अन्नदाता के रोजी-रोटी का सवाल है.

पढ़ें- गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाएगी विधानसभा का विशेष सत्र

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष और किसान नेता कृष्ण कुमार सहारण के अनुसार पंजाब सरकार ने भी अपने यहां इस संबंध में कानून बनाया ताकि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके. उन्होंने कहा कि सरकार को ये भी तय करना चाहिए कि एमएसपी में कुछ ही जींस नहीं बल्कि किसान की सभी फसल और सब्जियों को शामिल किया जाए. किसान नेता केके सहारण ने कहा कि किसान तभी समृद्ध हो सकेगा जब उसे उसकी उपज का पूरा मूल्य मिले.

कानूनों में संशोधन की जरूरत: किसान नेता

किसान नेता फूलचंद बड़बड़वाल का कहना है कि केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में है, लेकिन इन कानूनों में कुछ संशोधन की दरकार है. उनके अनुसार यदि केंद्र सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बना दें तो किसानों को राहत मिलेगी. फूलचंद ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद में कुछ ही जींस शामिल है, ऐसे में सरकार को मौजूदा कानूनों में अन्य जिंसों को भी शामिल करना चाहिए ताकि किसान की हर उपज का उसे सही दाम मिल सके.

बता दें, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक आयोजित हुई. जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से संबंधित विषयों पर बनाए गए 3 नए कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई. मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इस सत्र के दौरान किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पारित होंगे.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को लेकर पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध जारी है. तीनों कानूनों को लेकर किसानों के स्तर पर जितना विरोध हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा सियासी उबाल हर दिन देखने को मिल रहा है. सियासत के बीच पंजाब ने इसकी काट निकालते हुए विधानसभा में विधेयक पेश किया है. इसी राह पर अब राजस्थान की गहलोत सरकार भी चलने के लिए तैयार हो गई है. गहलोत ने भी सीएमआर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय किया है कि उनकी सरकार भी तीनों कानूनों को प्रभावहीन बनाने के लिए विधेयक लेकर आएगी. इसको लेकर विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी हो चुकी है.

राजस्थान भी लाएगा केंद्र सरकार के किसान बिलों को प्रभावहीन करने के लिए विधेयक

राजनीति के गलियारों में इस बिल को लेकर मचे तूफान से इतर किसान संगठनों के नेता पूरे मामले पर मिली-जुली राय दे रहे हैं. वे जहां कानून में कुछ संशोधन की मांग कर रहे हैं तो वहीं, साफ तौर पर यह भी कह रहे हैं कि इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए. क्योंकि ये अन्नदाता के रोजी-रोटी का सवाल है.

पढ़ें- गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाएगी विधानसभा का विशेष सत्र

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष और किसान नेता कृष्ण कुमार सहारण के अनुसार पंजाब सरकार ने भी अपने यहां इस संबंध में कानून बनाया ताकि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके. उन्होंने कहा कि सरकार को ये भी तय करना चाहिए कि एमएसपी में कुछ ही जींस नहीं बल्कि किसान की सभी फसल और सब्जियों को शामिल किया जाए. किसान नेता केके सहारण ने कहा कि किसान तभी समृद्ध हो सकेगा जब उसे उसकी उपज का पूरा मूल्य मिले.

कानूनों में संशोधन की जरूरत: किसान नेता

किसान नेता फूलचंद बड़बड़वाल का कहना है कि केंद्रीय कृषि कानून किसानों के हित में है, लेकिन इन कानूनों में कुछ संशोधन की दरकार है. उनके अनुसार यदि केंद्र सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बना दें तो किसानों को राहत मिलेगी. फूलचंद ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद में कुछ ही जींस शामिल है, ऐसे में सरकार को मौजूदा कानूनों में अन्य जिंसों को भी शामिल करना चाहिए ताकि किसान की हर उपज का उसे सही दाम मिल सके.

बता दें, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक आयोजित हुई. जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से संबंधित विषयों पर बनाए गए 3 नए कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई. मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इस सत्र के दौरान किसान विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पारित होंगे.

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