जयपुर. एक साल से ज्यादा वक्त के बाद सबसे बड़े ग्रह देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन हो रहा है. जिसके तहत बृहस्पति मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. गुरु के इस परिवर्तन का देश दुनिया के साथ ही सभी लोगों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई असर अवश्य होगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि सभी ग्रहों में सबसे बड़े ग्रह और सबसे शुभ फल देने वाले बृहस्पति अब कुंभ राशि में भ्रमण करने जा रहे हैं, जिसके तहत 6 अप्रैल को बृहस्पति मकर राशि की यात्रा समाप्त करके कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. वहीं, बृहस्पति 20 जून को वक्री होकर 14 सितंबर को वापस मकर राशि में आएंगे, जबकि 18 अक्टूबर को गुरु मार्गी होता है. 20 नवम्बर को गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करेगा और वर्ष के अंत तक कुंभ राशि में विचरण करेगा.
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उन्होंने बताया कि बृहस्पति का ये राशि परिवर्तन से देश के उत्तरी हिस्सों में सीमा से जुड़े मामले या अन्य महत्त्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं. अलग-अलग राशियों के लिए भी ये परिवर्तन प्रभावशाली होगा. साथ ही धार्मिक और मांगलिक कार्यों का भी योग बनेगा.
बता दें, गुरु ज्ञान, कर्म और धन के कारक ग्रह हैं और बृहस्पति को शुभ ग्रह माना जाता है. इसी ग्रह के प्रभाव से कुछ लोग अध्यात्म में बहुत आगे बढ़ जाते हैं, क्योंकि ये ग्रह ज्ञान देने वाला होता है. माना जाता है कि देव गुरु बृहस्पति आध्यात्मिक ज्ञान और बुद्धि को प्रभावित करते हैं और जिस इंसान पर बृहस्पति का शुभ प्रभाव होता है उसे किसी चीज की कमी नहीं रहती, ऐसा इंसान यश और सम्मान पाता है.