जयपुर. राजधानी जयपुर का अफगानिस्तान से डायरेक्ट कोई रिश्ता भले ही न हो, लेकिन जयपुर में अफगानी चाय, अफगान के ड्राइ फ्रूट्स और अब अफगानी पहनावा युवाओं में खासे लोकप्रिय हो गये हैं. काबुली चना और अफगान जलेबी तो भारतीय तड़के से लेकर बॉलीवुड फिल्मों तक शुमार हो ही चुके हैं.
जयपुर के युवा अफगानी फैशन (afghani fashion) को पसंद कर रहे हैं. खास तौर पर अफगान में पहनी जाने वाली खास तरह की पतलून जिसे पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते हैं. इस खास तरह की पतलून एरम (Afgani Harem) की दीवानगी इन दिनों देखने को मिल रही है. फैशन वीयर (fashion trends) के क्षेत्र में एरम ट्रेंड करने लगी है. जब से अफगान और तालिबान के किस्से हरसू दिखाई-सुनाई दे रहे हैं, तब से इस पतलून (Afgani Harem) का प्रचलन तेजी से बढ़ा है.
जयपुर में काबुलीवाला के सूखे मेवे
आपने रविंद्र नाथ टैगोर (Rabindra Nath Tagore) की कहानी काबुलीवाला जरूर पढ़ी होगी. इसी काबुलीवाला नाम पर राजधानी जयपुर के मोती डूंगरी रोड पर ड्राई फ्रूट की एक शॉप है. जहां अफगानिस्तान से आने वाले ड्राई फ्रूट्स की बिक्री प्रमुखता से होती है. भारत की आजादी से पहले डेरा इस्माइल खां में जन्मे श्यामलाल भाटिया ने जयपुर आकर 1982 में काबुलीवाला दुकान की शुरुआत की थी.
काबुलीवाला दुकान को भाटिया परिवार की तीसरी पीढ़ी संभाल रही है. बादाम, किसमिस, अंजीर, मुनक्का, पिस्ता (Almonds, Raisin, figs, raisins, pistachios) जैसे ड्राई फ्रूट्स (afghan dry fruits) यहां अफगान की खुशबू को फैलाते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में दुकान के ऑनर मदनलाल भाटिया ने बताया कि अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स मुंबई, दिल्ली, अमृतसर आते हैं. जो पूरे देश में वितरित होते हैं. जयपुर में दिल्ली से अफगानी ड्राई फ्रूट्स मंगवाए जाते हैं.
भाटिया ने बताया कि आज अफगानिस्तान में तालिबानी शासन (Taliban regime) काबिज होने से ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में अचानक उछाल आया है. यहां ड्राई फ्रूट प्रति किलो करीब 250 से 500 तक महंगे हुए हैं.
अफगान संकट से सूखे मेवों में उछाल
ड्राई फ्रूट | पूर्व दर | वर्तमान दर |
बादाम | 1400 से 1600 | 2200 से 2300 |
किशमिश | 800 से 1000 | 1000 से 1200 |
अंजीर | 600 से 800 | 1000 से 1200 |
मुनक्का | 800 से 1000 | 1000 से 1200 |
पिस्ता | 1600 से 1700 | 2000 से 2800 |
अफगानी पतलून एरम भी ट्रेंड में
ऐसा नहीं है कि अफगानिस्तान की खुशबू केवल ड्राई फ्रूट तक ही सीमित है. बल्कि राजधानी जयपुर में अफगानी पेंट और एरम (Afgani Harem) का भी अलग ही ट्रेंड है. शहर के बाजारों में महिलाओं और पुरुषों के लिए ये अफगानी पहनावा एरम काफी प्रचलित हो चला है. इसे खरीदने के लिए हर वर्ग के युवा इन दुकानों तक पहुंच रहे हैं. ये एरम न सिर्फ लड़के पसंद कर रहे हैं बल्कि लड़कियों में भी इसे लेकर दीवानगी है. खास अवसरों पर भी इसे पहना जाने लगा है.
कॉटन और सिल्क (cotton and silk) में बने एरम जयपुर के बाजारों में 300 से 1200 रुपए तक मिल रहे हैं. विक्रेताओं ने बताया कि पहनने में कंफर्टेबल और दिखने में आकर्षक होने के चलते इस अफगानी पोशाक का ट्रेंड बना हुआ है.
बहरहाल अफगानिस्तान में कई पीढ़ियों से रह रहे लोगों को अचानक अपना वतन छोड़ना पड़ रहा है. इनमें जो भारतवंशी है, वे यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में अफगानिस्तान की सभ्यता और संस्कृति जो उन भारतवंशियों में बसी हुई है, उसका प्रसार भी यहां होना तय है. ये भी संभव है कि काबुलीवाला और अफगानी पेंट्स के बाद यहां अफगान के कुछ और रंग बिखरते हुए नजर आएं.