जयपुर. राजस्थान एसीबी की जयपुर इकाई ने जयपुर में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए चंबल पावर हाउस में कार्यरत एईएन और तकनीकी सहायक को 2000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. रिश्वतखोर एईएन ये राशि तकनीकी सहायक के जरिए ले रहा था. इसी दौरान एसीबी टीम ने दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया. एसीबी के डीएसपी सचिन शर्मा के नेतृत्व में ट्रैप की इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.
एसीबी जयपुर के डीएसपी सचिन शर्मा ने बताया कि परिवादी ने 21 अक्टूबर को एसीबी मुख्यालय में शिकायत दी थी कि उसका सोलर पैनल लगाने का काम है. सोलर पैनल में बिजली के मीटर लगाए जाते हैं, जिनकी चंबल पावर हाउस में टेस्टिंग की जाती है. बिजली के मीटर की टेस्टिंग करने की एवज में एईएन बीना चौधरी और तकनीकी सहायक जितेंद्र सिंह प्रति मीटर 1 हजार रुपए की रिश्वत राशि मांग रहे थे. इस पर एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया गया और सत्यापन के दौरान जितेंद्र सिंह द्वारा 2 हजार रुपए और एईएन बीना चौधरी द्वारा पेटीएम के मार्फत 3200 रुपए की रिश्वत राशि ली गई.
वहीं परिवादी के दो अन्य मीटर पेंडिंग थे, जिनकी टेस्टिंग करने के एवज में 2 हजार रुपए की रिश्वत राशि मांगी गई. परिवादी से रिश्वत राशि लेते हुए एईएन बीना चौधरी और तकनीकी सहायक जितेंद्र सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. चंबल पावर हाउस में भ्रष्टाचार का खेल कितने बड़े पैमाने पर चल रहा है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जिस एईएन बीना चौधरी को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है, उनके पास राजधानी जयपुर में सोलर पैनल लगाने के लिए रजिस्टर्ड 110 कंपनियों के मीटर की टेस्टिंग का काम है.
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एसीबी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो भी कंपनी मीटर टेस्टिंग की एवज में प्रति मीटर 1000 रुपए की रिश्वत देते हैं. उन्हें तुरंत ही मीटर टेस्ट करके दे दिया जाता है. वहीं जो लोग रिश्वत राशि नहीं देते उनके मीटर 2 से 3 महीने तक बिना टेस्ट हुए ही कार्यालय में पड़े रहते हैं. वहीं राज्य सरकार द्वारा सोलर पैनल मीटर टेस्टिंग 3 दिन में करके देने के आदेश जारी किए हुए हैं, उसके बावजूद भी विद्युत विभाग की रिश्वतखोर एईएन द्वारा आदेशों की अवहेलना की जा रही थी.