जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में एक बार फिर से प्रोफेसर और प्रशासन की मिलीभगत से रिसर्च विभाग में प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों का मामला सामने आया है. जिसके तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में होने वाली पीएचडी की सीटों पर बिना प्रवेश प्रक्रिया पूरी किए ही अपने-अपने चहेतों को शोध के लिए पंजीकरण किया जा रहा है.
बता दें कि विश्वविद्यालय की इस गड़बड़ी के कारण वे छात्र पीएचडी में प्रवेश पाने से दूर हो रहे हैं जो प्रवेश प्रक्रिया को पूरी कर पीएचडी में प्रवेश पंजीकरण की लंबी कतार में खड़े हैं. यही कारण रहा कि गुरुवार को एम्पेट 2018 के फेज द्वितीय में गड़बड़ियों के आरोप लगाते हुए छात्र नेताओं ने राजस्थान यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा किया. कुलपति सचिवालय पर किए गए इस विरोध प्रदर्शन में छात्र नेता कुलपति सचिवालय के अंदर चले गए और हॉल में ही बैठकर नारेबाजी करने लगे. नारेबाजी के बाद छात्र नेताओं ने कुलपति आरके कोठारी के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
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छात्रों ने आरोप लगाया कि विवि प्रशासन की ओर से शुरू किए गए फेज द्वितीय में पीएचडी की रिक्त सीटों के तहत आधी से ज्यादा सीटों पर बिना किसी प्रवेश प्रक्रिया के ही भरा जा रहा है. जबकि एम्पेट 2018 के फेज द्वितीय में सीधे प्रवेश देने के लिए अंतिम मौका दिया गया था. ऐसे में छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से सीधे प्रवेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. उधर, विद्यार्थियों की नाराजगी के बाद प्रशासन ने इसको अगली सिंडिकेट बैठक तक रोक लगा दी है.