जयपुर. दुष्कर्म के मामले में एफआर लगाने के बदले रिश्वत मांगने वाले एडिशनल डीसीपी राजेन्द्र त्यागी को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस कमिश्नरेट में तैनात त्यागी के रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी में मामला दर्ज हाेने के बाद गृह विभाग ने यह फैसला लिया है. एसीबी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कॉपी डीजीपी को भेजी थी. बता दें कि मंगलवार काे ही डीजीपी ने उन्हें सस्पेंड करने का प्रस्ताव गृह विभाग काे भेजा था.
बता दें कि एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी को सस्पेंड करने की पुष्टि गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने की है. दरअसल, प्रशानिक सेवा के पद पर काम करने वाले किसी कार्मिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा एफआईआर दर्ज करने पर सरकार द्वारा जांच प्रतिक्रियाधीन रहने तक पद से सस्पेंड रहना पड़ता है.
एक लाख की मांगी थी रिश्वत
22 मई को एसीबी ने त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसमें महेश शर्मा ने दुष्कर्म मामले में दर्ज एफआईआर में एफआर लगाने के बदले त्यागी की ओर से एक लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. जिसके बाद एसीबी ने उसे ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया था. जिसकी भनक लगने पर त्यागी ने रिश्वत लेने से मना कर दिया था. हालांकि, राजेंद्र त्यागी और महेश शर्मा के ऑडियो रिकॉर्डिंग में त्यागी द्वारा रिश्वत मांगने का खुलासा हुआ था.
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राजेंद्र त्यागी ने डीजीपी के समक्ष रखा अपना पक्ष
राजेंद्र त्यागी अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी भूपेंद्र से मिले थे, लेकिन पुलिस महानिदेशक राजेंद्र त्यागी द्वारा दी गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हुए. डीजीपी का कहना था कि त्यागी के कृत्य से पुलिस विभाग की बदनामी हुई है.
हालांकि राजेंद्र त्यागी ने डीजीपी के समक्ष कहा कि वह पूरे मामले में बेकसूर हैं और उन्हें फंसाया गया है. डीजीपी का कहना था कि ऑडियो में त्यागी की आवाज आ रही है. ऐसे में फंसाने वाली दलील गले नहीं उतरती है. जिसके बाद डीजीपी ने सस्पेंड करने की कार्रवाई गृह विभाग को भेज दी.