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अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूशन टू नेशनल डवलपमेंट के लिए सम्मानित - आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूशन टू नेशनल डवलपमेंट

राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल को आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूशन टू नेशनल डेवलपमेंट के लिए सम्मानित किया गया है. डॉ. सुबोध अग्रवाल को यह पुरस्कार शनिवार को आईआईटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन नई दिल्ली की ओर से आयोजित एलुमिनी फेस्ट, 2020 समारोह में वर्चुअल रूप से दिया गया है.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूसन टू नेशनल डवलपमेंट के लिए सम्मानित
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Published : Dec 26, 2020, 9:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल को आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूअसन टू नेशनल डवलपमेंट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है. डॉ. सुबोध अग्रवाल को यह पुरस्कार शनिवार को आईआईटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन नई दिल्ली द्वारा आयोजित एलुमिनी फेस्ट, 2020 समारोह में वर्चुअल रूप से दिया गया. डॉ. सुबोध अग्रवाल इस पुरस्कार से समूचे देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सिविल सेवा संवर्ग में सम्मानित होने वाले अधिकारी है. आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपालराव ने बताया कि डॉ. अग्रवाल को यह पुरस्कार सिविल सेवा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है.

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा कि अपनी संस्थान के पूर्व छात्र डॉ. अग्रवाल की सेवाओं और कार्यों पर ना केवल उन्हें अपितु पूरे संस्थान को गर्व हो रहा है. उन्होंने डॉ. अग्रवाल की कोविड-19 के दौरान उत्पन्न चुनौतियों खासतौर से लाखों फंसे हुए श्रमिकों और नागरिकों को कोई भूखा ना रहे, कोई मार्ग पर पैदल ना चले आदि मानवीय संवेदनाओं के साथ ऑनलाईन पंजीकरण से लेकर वाहन आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर गंत्यव्य स्थान तक पहुंचाते हुए इंटर स्टेट माइग्रेश्‍न के चुनौतीपूर्ण कार्य को योजनावद्ध तरीके से संचालित कर पूरे देश में मिसाल कायम करने की सराहना की.

उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसे राजस्थानियों की अपने वतन में सुरक्षित वापसी के कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न करना प्रशासनिअक दक्षता का परिचायक है. प्रो. रामाराव ने लॉकडाउन के चलते राजस्थान के बंद उद्योगों को योजनावद्ध तरीके से पटरी पर लाने के डॉ. सुबोध अग्रवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इसका परिणाम यह रहा कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान के बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई उद्योग समय पर शुरू हुए और श्रमिकों को रोजगार सुलभ हो सका.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 785 नए मामले, 7 की मौत...संक्रमितों की संख्या 3,04,517 पहुंची

प्रो. रामगोपालराव ने राज्य में एमएसएसमई एक्ट में आवश्यकक संशोधन कराकर उद्यमों की स्थापना को आसान करते हुए स्वघोषणा पर ही एमएसएमई उद्यम शुरू करने की अनुमति का क्रान्तिकारी फैसलें, राजस्थान में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए नई राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू करने और खाद्य विभाग में रहते हुए डॉ. अग्रवाल द्वारा अन्नपूर्णा भण्डार योजना लागू कर पीपीपी मोड पर उचित मूल्य पर उपभोक्ता सामग्री के वितरण की व्यवस्था लागू करने की चर्चा करते हुए बताया कि इसकी केन्द्र सरकार और नीति आयोग द्वारा सराहना की गई है.

जयपुर. राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल को आउटस्टेडिंग कन्ट्रीब्यूअसन टू नेशनल डवलपमेंट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है. डॉ. सुबोध अग्रवाल को यह पुरस्कार शनिवार को आईआईटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन नई दिल्ली द्वारा आयोजित एलुमिनी फेस्ट, 2020 समारोह में वर्चुअल रूप से दिया गया. डॉ. सुबोध अग्रवाल इस पुरस्कार से समूचे देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सिविल सेवा संवर्ग में सम्मानित होने वाले अधिकारी है. आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपालराव ने बताया कि डॉ. अग्रवाल को यह पुरस्कार सिविल सेवा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है.

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा कि अपनी संस्थान के पूर्व छात्र डॉ. अग्रवाल की सेवाओं और कार्यों पर ना केवल उन्हें अपितु पूरे संस्थान को गर्व हो रहा है. उन्होंने डॉ. अग्रवाल की कोविड-19 के दौरान उत्पन्न चुनौतियों खासतौर से लाखों फंसे हुए श्रमिकों और नागरिकों को कोई भूखा ना रहे, कोई मार्ग पर पैदल ना चले आदि मानवीय संवेदनाओं के साथ ऑनलाईन पंजीकरण से लेकर वाहन आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर गंत्यव्य स्थान तक पहुंचाते हुए इंटर स्टेट माइग्रेश्‍न के चुनौतीपूर्ण कार्य को योजनावद्ध तरीके से संचालित कर पूरे देश में मिसाल कायम करने की सराहना की.

उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसे राजस्थानियों की अपने वतन में सुरक्षित वापसी के कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न करना प्रशासनिअक दक्षता का परिचायक है. प्रो. रामाराव ने लॉकडाउन के चलते राजस्थान के बंद उद्योगों को योजनावद्ध तरीके से पटरी पर लाने के डॉ. सुबोध अग्रवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इसका परिणाम यह रहा कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान के बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई उद्योग समय पर शुरू हुए और श्रमिकों को रोजगार सुलभ हो सका.

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प्रो. रामगोपालराव ने राज्य में एमएसएसमई एक्ट में आवश्यकक संशोधन कराकर उद्यमों की स्थापना को आसान करते हुए स्वघोषणा पर ही एमएसएमई उद्यम शुरू करने की अनुमति का क्रान्तिकारी फैसलें, राजस्थान में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए नई राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू करने और खाद्य विभाग में रहते हुए डॉ. अग्रवाल द्वारा अन्नपूर्णा भण्डार योजना लागू कर पीपीपी मोड पर उचित मूल्य पर उपभोक्ता सामग्री के वितरण की व्यवस्था लागू करने की चर्चा करते हुए बताया कि इसकी केन्द्र सरकार और नीति आयोग द्वारा सराहना की गई है.

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