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अब सोशल मीडिया पर अपना 'दुख' व्यक्त नहीं कर सकेंगे पुलिसकर्मी

पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अब अपनी विभागीय परेशानी या पीड़ा से जुड़ा पोस्ट नहीं कर सकेंगे. अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं.

Departmental problem of policemen, Policemen's posts on social media
पुलिसकर्मी नहीं कर सकेंगे विभागीय परेशानी से जुड़े पोस्ट
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Published : May 11, 2020, 6:43 PM IST

जयपुर. पुलिसकर्मी अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी पीड़ा से संबंधित कोई भी पोस्ट नहीं कर सकेंगे. विभागीय परेशानी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिसकर्मी और अधिकारियों के बीच के विवाद कई बार सोशल मीडिया पर आने से खाकी पर कई सवाल उठाए जाते हैं.

पुलिसकर्मी नहीं कर सकेंगे विभागीय परेशानी से जुड़े पोस्ट

ऐसे में पाली की घटना के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर ने भी सख्त निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी विभाग संबंधित कोई भी परेशानी को सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करेगा. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी पुलिस के जवान को कोई परेशानी है, तो वह पहले अपने अधिकारी को अवगत कराए.

पढ़ें- अजमेर: कोरोना से खौफजदा युवक ने की आत्महत्या, कोविड-19 वार्ड के बाथरूम में लगाई फांसी

अगर अधिकारी के पास भी किसी तरह का समाधान नहीं होता है, तो उच्च अधिकारियों को जानकारी दें. विभागीय परेशानी को लेकर अगर किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पाली जिले में लॉकडाउन के दौरान एक एएसपी के घर पर दूध देने वाले दूधिए को नाके पर तैनात कांस्टेबल ने रोका था. जिस पर एएसपी ने कांस्टेबल को अपने आवास पर बुलाकर दबंगई दिखाते हुए अभद्रता से बातचीत की थी.

एएसपी की ओर से अभद्रता करने का ऑडियो कांस्टेबल ने रिकॉर्ड कर लिया था और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. जिस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल जोधपुर रेंज के आईजी को जांच के आदेश दिए थे. जांच के बाद एएसपी रामेश्वरलाल को एपीओ भी कर दिया गया था.

पढ़ें- आत्मविश्वास और पॉजिटिविटी को हथियार बनाकर इस वॉरियर ने जीत ली कोरोना से जंग

इसके बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर ने भी निर्देश जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने की बजाय अपने अधिकारियों को ही समस्या बताएं और सुनवाई नहीं हो तो उच्च अधिकारी को शिकायत करें. विभागीय परेशानी को सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करे. अगर सोशल मीडिया पर किसी तरह की पोस्ट की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. पुलिसकर्मी अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी पीड़ा से संबंधित कोई भी पोस्ट नहीं कर सकेंगे. विभागीय परेशानी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिसकर्मी और अधिकारियों के बीच के विवाद कई बार सोशल मीडिया पर आने से खाकी पर कई सवाल उठाए जाते हैं.

पुलिसकर्मी नहीं कर सकेंगे विभागीय परेशानी से जुड़े पोस्ट

ऐसे में पाली की घटना के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर ने भी सख्त निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी विभाग संबंधित कोई भी परेशानी को सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करेगा. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी पुलिस के जवान को कोई परेशानी है, तो वह पहले अपने अधिकारी को अवगत कराए.

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अगर अधिकारी के पास भी किसी तरह का समाधान नहीं होता है, तो उच्च अधिकारियों को जानकारी दें. विभागीय परेशानी को लेकर अगर किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पाली जिले में लॉकडाउन के दौरान एक एएसपी के घर पर दूध देने वाले दूधिए को नाके पर तैनात कांस्टेबल ने रोका था. जिस पर एएसपी ने कांस्टेबल को अपने आवास पर बुलाकर दबंगई दिखाते हुए अभद्रता से बातचीत की थी.

एएसपी की ओर से अभद्रता करने का ऑडियो कांस्टेबल ने रिकॉर्ड कर लिया था और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. जिस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल जोधपुर रेंज के आईजी को जांच के आदेश दिए थे. जांच के बाद एएसपी रामेश्वरलाल को एपीओ भी कर दिया गया था.

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इसके बाद जयपुर पुलिस कमिश्नर ने भी निर्देश जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने की बजाय अपने अधिकारियों को ही समस्या बताएं और सुनवाई नहीं हो तो उच्च अधिकारी को शिकायत करें. विभागीय परेशानी को सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करे. अगर सोशल मीडिया पर किसी तरह की पोस्ट की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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