जयपुर. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि राज्य में खनिज खोज कार्य में खनिज संपदा की गुणवत्ता और खनिज भण्डारों की उपलब्धता के वैज्ञानिक आंकलन के लिए विशेषज्ञ सेवाएं लेने की संभावनाएं तलाशी जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश में खनिज खोज कार्य को गति मिलेगी और ऑक्शन के लिए तैयार ब्लाकों में खनिज भण्डार की गुणवत्ता और उपलब्धता की सही जानकारी मिलने से राज्य सरकार को अधिक राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा.
दरअसल, एसीएस माइंस डाॅ. सुबोध अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में माइंस और पेट्रोलियम विभाग के निदेशक माइंस केबी पण्ड्या, उपसचिव नीतू बारुपाल और विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक ले रहे थे. उन्होंने बताया कि खान एवं भूविज्ञान, पेट्रोलियम, रिफायनरी, राजस्थान गैस सहित संबंधित विभागों और संस्थाओं के कार्यों की बारी बारी से समीक्षा की जाएगी और प्राथमिकताएं तय कर समयसीमा में निष्पादन का रोड मैप बनाया जाएगा.
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डाॅ. अग्रवाल ने अधिकारियों से माइंड सेट में बदलाव लाते हुए कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज संपदा के क्षेत्र में देश का प्रमुख राज्य है और ऐसे में खनिज संपदा के खोज और खनन कार्य में गति लाते हुए राज्य में बेहतर राजस्व प्राप्त करने के समन्वित प्रयास करने होंगे. उन्होंने अवैद्य खनन पर प्रभावी रोक लगाने और राजस्व की छीजत रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी. बैठक में उपसचिव नीतू बारुपाल, ओएसडी संजय दुबे, डीएल आर गजेंद्र. सिंह और महावीर मीणा, अतिरिक्त निदेशक एनएस शक्तावत, बीएस सोढ़ा, अजय शर्मा, एसएमई जयपुर महेश माथुर और एसएमई भरतपुर प्रताप मीणा सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.