जयपुर. राजधानी में कई लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले शातिर को चित्रकूट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शातिर आरोपी तनय पारीक धार्मिक नगरी वृंदावन में साधु के भेष में छुपकर बैठा गया. जिसके बाद जयपुर पश्चिम पुलिस की एक टीम ने दबिश देकर शातिर को दबोच लिया और फिर जयपुर ले आए.
पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम कावेंद्र सिंह सागर के अनुसार 13 जून को परिवादी राधेश्याम मिश्रा ने अन्य पीड़ित विकास चोपड़ा, रोहित श्रीवास्तव, धर्मेंश कुमार, उर्मिला वशिष्ट, रामरक्षपाल शर्मा, अमित शर्मा, विशाल सोनी, पुनीत जैन, सुरेंद्र पारीक, इरफान और संजू शेखावत के साथ थाना चित्रकूट में रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसमें तनय पारीक की ओर से वर्ष 2019 में सभी पीड़ितों से अपनी फर्म में ऑनलाइन कार्य करवाने के लिए संपर्क किया गया. पीड़ितों ने बताया कि उसने खुद की फर्म में ऑनलाइन कंपनी अमेजोन, फिल्पकार्ट और गुगल-पे में कार्य के लिए हमें राशि लगाने के लिए कहा.
साथ ही पीड़ितों को बिजनेस से लाभ देने के बारे में बताया और कहा कि इसमे मेरे यहां पर और भी 300-400 लोगों से तकरीबन 4.0 से 5.0 करोड़ रुपए इन्वेस्टमेंट के नाम से लिया है. जिस पर पीड़ित झांसे में आ गए और समय-समय पर तनय पारीक के बैंक, ऑनलाइन पेमेंट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से राशि ट्रांसफर करते रहे. जिसके बाद जब गुगल-पे, फ्लिपकार्ट और अमेजोन के दस्तावेज और कोटक महिंद्रा बैंक के स्टेटमेंट की जांच की, तो पता चला कि तनय पारीक की ओर से दिखाए गए सभी दस्तावेज फर्जी थे. जिसके बाद पीड़ितों ने आरोपी तनय पारीक से संपर्क किया, तो शातिर टालमटोल करने लगा और फोन बंद कर दिया.
जिसके बाद पीड़ित चित्रकूट थाने पहुंचे और रिपोर्ट दी. जहां पुलिस ने धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज कर, गहनता से अनुसंधान शुरू किया. जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त बजरंग सिंह के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने कड़ी जांच पड़ताल के बाद आरोपी तनय पारीक, जो कि शास्त्री नगर जयपुर का रहने वाला है, उसको दस्तयाब किया. वहीं पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि शातिर आरोपी फरार होकर वृंदावन में साधु के भेष में जा बैठा.