जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी आईपीएस मनीष अग्रवाल की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अनुसंधान चल रहा है और आरोपी पर रिश्वत का गंभीर आरोप है. ऐसे में केस के इस स्तर पर जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. उसने ना तो किसी से रिश्वत की डिमांड की है और ना ही उससे रिश्वत राशि की डिमांड की है. इसके अलावा जिस दलाल के जरिए रिश्वत लेना बताया जा रहा है, वह अपने पेट्रोल पंप पर हुई तीन बार हुई लूट को लेकर प्रार्थी से मिला था.
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मामले में एसीबी के पास प्रार्थी के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसका विरोध करते हुए एसीबी की ओर से कहा गया कि आरोपी आईपीएस ने अपने दलाल के जरिए रिश्वत का जाल बिछा रखा था. एसीबी के पास आरोपी को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. यदि उसे जमानत दी गई तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.