जयपुर. 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप हुए हेड कांस्टेबल अब्दुल रऊफ ने भी एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत के कहने पर ही मासिक बंधी लेने की बात कबूली है. एसीबी द्वारा जब राजेन्द्र सिंह शेखावत के सरकारी आवास पर तलाशी ली गई तो वहां से मादक पदार्थ और अवैध हथियार बरामद हुए. जिसके बाद राजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत अलग से प्रकरण दर्ज किया गया है.
फरार राजेंद्र सिंह शेखावत की तलाश तेज
एसीबी एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि बजरी के परिवहन के लिए परिवादी से 20 हजार रुपए की मासिक बंधी मांगी जाती थी. मासिक बंधी को 20 हजार से कम कर 15 हजार करने के लिए एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत के कहने पर हैड कांस्टेबल अब्दुल रऊफ द्वारा 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए एसीबी टीम द्वारा अब्दुल रऊफ को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. एसीबी की कार्रवाई की भनक लगते ही एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत थाने के पिछले गेट से फरार हो गया. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में राजेंद्र सिंह शेखावत की भूमिका उजागर होने के बाद अब एसीबी द्वारा फरार चल रहे राजेंद्र की तलाश को तेज कर दिया गया है.
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पहले भी विवादास्पद रहा है एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत
बताया जा रहा है कि एसीबी की कारवाई की भनक लगने पर थाने से फरार हुआ एसएचओ राजेंद्र सिंह शेखावत पूर्व में भी काफी विवादास्पद रहा है. इससे पहले भी राजधानी जयपुर के बगरू और सदर थाने में एसएचओ रहते हुए राजेंद्र सिंह काफी विवादों में रहा है.
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राजेंद्र सिंह को निलंबित करने के आदेश जारी
विवादों के चलते ही आला अधिकारी द्वारा राजेंद्र सिंह शेखावत को सदर थाने के एसएचओ के पद से हटाया जा चुका है. वहीं एक बार फिर थाने से फरार होकर राजेंद्र सिंह ने अपने गुनाह कबूलने का काम किया है. प्रकरण में राजेंद्र सिंह की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर पुलिस मुख्यालय द्वारा मंगलवार को राजेंद्र सिंह को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं.