जयपुर. राजधानी में रविवार को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की ओर से परिवहन विभाग के अधिकारियों पर की गई कार्रवाई का मामला भी सदन में गूंजा. स्पीकर सीपी जोशी ने सरकार को जवाब देने के लिए कहा. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा, कि परिवहन विभाग के अफसरों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की सूचना मिल रही थी.
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, कि एसीबी ने फरवरी महीने की बंधी लेने की सूचना पर 6 टीमों का गठन किया. इस कार्रवाई में 40 हजार की रिश्वत लेते दलाल मनीष शर्मा और अन्य अफसरों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान अफसरों को देने के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए भी जब्त किए गए, जबकि एसीबी ने 13 लोगों के 22 फोन सर्विलांस पर रखे थे.
धारीवाल ने कहा, कि एसीबी की ओर से इस कार्रवाई में 8 अफसरों और 7 निजी व्यक्तियों को पकड़ा गया है. परिवहन विभाग पर एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है. इस दौरान धारीवाल ने पिछली भाजपा सरकार के भी आंकड़े गिनाए और कहा कि 13 दिसंबर 2013 से 16 दिसंबर 2018 तक कुल 30 प्रकरण दर्ज किए गए. इसमें ट्रैप के 15 और पद के दुरुपयोग के 15 प्रकरण दर्ज किए गए.
मंत्री ने कहा, कि 17 दिसंबर 2018 से अब तक परिवहन विभाग के खिलाफ 6 प्रकरण दर्ज किए. इनमें ट्रैप के 3 और पद के दुरुपयोग के 2 मामले दर्ज हुए हैं. 16 फरवरी 2020 को परिवहन अफसरों की ओर से अवैध वसूली की सूचना पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से यह कार्रवाई की गई.
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धारीवाल के जवाब के बाद उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली है. राठौड़ ने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया. भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा, कि इस कार्रवाई में पकड़ा गया जसवंत कौन है और इसके किससे संबंध है.
लाहोटी ने कहा, कि 4 महीना पहले भी पैसा बनी पार्क थाने में पकड़ा गया था. अब एक करोड़ 20 लाख रुपए पकड़े गए हैं यह बड़ा मामला है. 1 करोड़ 20 लाख रुपए दलालों के माध्यम से किसको जा रहे थे, इसका भी खुलासा किया जाए. लाहोटी ने कहा, कि निजी बसों से वसूली का बड़ा रैकेट है.
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हालांकि, धारीवाल की ओर से बनी पार्क की घटना का कोई जवाब नहीं दिया गया. धारीवाल ने कहा, कि एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है. इस पर भाजपा विधायकों ने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट भी किया.