जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज महाराजा महाविद्यालय की जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझता नहीं दिख (land acquisition dispute of maharaja college) रहा. इसे लेकर छात्र संगठन भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोला और विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर कुलपति सचिवालय तक प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाते हुए गहलोत सरकार के साथ-साथ यूनिवर्सिटी कुलपति को भी कॉलेज की जमीन हड़पने की साजिश का हिस्सा बताया. साथ ही भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष पर लगे महिला उत्पीड़न के आरोप के बाद उन्हें बर्खास्त करने की भी मांग की.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते हुए महाराजा कॉलेज की जमीन पर विद्यार्थियों का हक बताया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की ओर से नियुक्त किए गए कुलपति की मिलीभगत साजिश से महाराजा कॉलेज की जमीन सरकार की ओर से छीनी जा रही है. कुलपति राजीव जैन के खिलाफ लंबे समय से हाईकोर्ट में केस लंबित है. उन्होंने कुलपति की योग्यता को फर्जी बताते हुए सरकार से कुलपति को जल्द से जल्द हटाने की मांग की.
इस दौरान उन्होंने भौतिक विज्ञान संकाय में एक विवादित प्राध्यापक को विभागाध्यक्ष बनाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष पर महिला उत्पीड़न के आरोप हैं ऐसे में उन्हें बर्खास्त करना चाहिए. उन्होंने सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने की बात कही. वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के हॉस्टल जर्जर हो गए हैं. बीती रात को महिला छात्रावास की छत गिरी. जिससे छात्राओं में भय का माहौल है. ऐसे समय पर जब विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र हितों के लिए कार्य करना चाहिए.
एबीवीपी ने आरोप लगाया कि कुलपति और सरकार छात्र विरोधी है. छात्रों की समस्याओं का निवारण करने की बजाए ये अपने भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगे हैं. उन्होंने भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष और जमीन अधिग्रहण मामले का निस्तारण नहीं होने पर छात्र शक्ति के सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी.