जयपुर. छात्रसंघ चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध दर्ज करा रहे एबीवीपी के 3 छात्र नेता रविवार को भी पानी की टंकी पर चढ़े रहे. हालांकि एबीवीपी पदाधिकारियों के साथ समझौता वार्ता के बाद ये तय हुआ कि 8 अगस्त को राजस्थान यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन संविधान के इंटरप्रिटेशन समिति की बैठक होगी. इसपर भी चर्चा की जाएगी कि सत्र 2022-23 के लिए यूजी और पीजी प्रवेश 17 अगस्त तक पूरे होंगे या नहीं. बैठक को लेकर सहमति बनने के बाद (ABVP student leaders came down from water tank) छात्रनेताओं से नीचे उतरने की अपील की गई है.
टंकी पर चढ़े छात्र नेता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों के साथ राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन से समझौता वार्ता हुई. इसमें इंटरप्रिटेशन समिति के समन्वयक प्रो एसएल शर्मा, चीफ प्रॉक्टर एचएस पलसानिया सहित कुलसचिव, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण) और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) मौजूद रहे. समझौता वार्ता को लेकर एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री अर्जुन तिवाड़ी ने कहा कि सोमवार को इंटरप्रिटेशन कमेटी की बैठक होगी. उसमें ये स्पष्ट कर दिया जाएगा कि पीजी और यूजी के 100% प्रवेश होंगे या नहीं होंगे जिससे असमंजस की स्थिति स्पष्ट होगी.
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इसी मांग को लेकर एबीवीपी के 3 छात्र पानी की टंकी पर चढ़ गए. इन छात्रों में इसी बात को लेकर आक्रोश था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ चुनाव कराना चाहता है या नहीं और एडमिशन समय पर होंगे या नहीं इसे लेकर लिखित में आश्वासन दे. वहीं समझौता वार्ता में ये भी मांग रखी गई कि मांगों को लेकर जो छात्र पानी की टंकी पर चढ़े हैं, उतरने के बाद उनपर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि इस संबंध में यूनिवर्सिटी प्रशासन भी यही चाहता था कि छात्रों पर कोई कानूनी कार्रवाई न हो लेकिन इसे लेकर समझौता वार्ता में कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है. अर्जुन तिवाड़ी ने कहा कि पानी की टंकी पुरानी है और मौसम भी सही नहीं है. ऐसे में उन्होंने छात्रों से पानी की टंकी से नीचे उतरने की अपील की.
उधर, इंटरप्रिटेशन समिति के समन्वयक प्रो. एसएल शर्मा ने कहा कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन का पूरा फोकस है. इसको लेकर के एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की जाएगी. पानी की टंकी पर चढ़े छात्रों की भी यही डिमांड थी, इस पर छात्र भी रजामंद है और जल्द ही टंकी से भी नीचे उतरेंगे. हालांकि समझौता वार्ता के बाद भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से वार्ता के लिए सिविल लाइन के लिए रवाना हुए लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से इन छात्रों को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया.