जयपुर. राजस्थान में बिजली के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की गहलोत सरकार को सोशल मीडिया पर वर्चुअल कैम्पेन के जरिए घेरा. पार्टी ने दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान में फ्री बिजली और लॉकडाउन पीरियड का बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर चलाया गया कैम्पेन महज दो घंटे में ही ट्विटर के नेशनल ट्रेंड में शामिल हो गया. इसी कैंपेन के तहत संबंधित मुद्दे पर सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार भी फेसबुक पर लाइव हुए और राज्य सरकार से बिजली के बिल माफ करके आम जनता को राहत पहुंचाने की मांग की.
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इस दौरान पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार ने फेसबुक लाइव पर कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने एक हजार रुपए से ज्यादा बकाया वाले बिजली के कनेक्शन काटने और लॉकडाउन अवधि का दो माह का बिल एक साथ भेजने के निर्देश दिए थे. बाद में जनता का प्रेशर बढ़ा तो इस मामले में सरकार बैकफुट पर आ गई. हालांकि कार्रवाई की यह तलवार अभी भी जनता पर लटकी हुई है. जागीरदार ने एक बयान जारी कर कहा कि लॉकडाउन पीरियड में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. दुकानें बंद रहने से कारोबार पूरी तरह ठप रहा.
इन तमाम परिस्थितियों के चलते आम लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई. राज्य सरकार ने इस वर्ग को राहत देने की बजाय बिजली के बिल भेज दिए. खपत नहीं होने के बाद भी दुकानदारों को को सरचार्ज और मीटर किराया जैसे स्थायी शुल्क के भारी-भरकम बिल भेजे गए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत से लोग ऐसे है जिनके पास खाने के पैसे नहीं है, ऐसे में वे बिजली के बिल कहां से भरे.
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उन्होंने सरकार से मांग की वे इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लॉकडाउन अवधि के बिजली के बिल माफ करें. साथ ही दिल्ली की तर्ज पर प्रदेश की जनता को 200 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा करें. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के वक्त वहां कांग्रेस ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की थी. चूंकि राजस्थान में अब कांग्रेस की सरकार है, ऐसे कांग्रेस सरकार को चाहिए कि वे यह राजस्थान में भी लागू कर जनता को राहत दें.