जयपुर. देश की राजधानी दिल्ली में भले ही आम आदमी पार्टी की सरकार हो, लेकिन राजस्थान में आम आदमी पार्टी कुछ पदाधिकारियों तक ही सिमटी हुई है. जिससे प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी खाली है. 'आप' के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामपाल जाट के इस्तीफे के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने साफ कर दिया है कि राजस्थान में फिलहाल नए प्रदेश अध्यक्ष पद को भरने की पार्टी को कोई जल्दी नहीं है.
इसके पीछे तर्क ये है कि पहले जिला और विधानसभा स्तर पर संगठन की संरचना होगी. अब बड़ा सवाल यही है कि बिना मुखिया के संगठन की संरचना हो गई तो नया प्रदेश अध्यक्ष उसे कैसे स्वीकार करेगा. दरअसल, रामपाल जाट के इस्तीफे का एक बड़ा कारण प्रभारी संजय सिंह की ओर से राजस्थान के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप भी था. रामपाल जाट बताते हैं कि दिल्ली से जुड़े यह नेता राजस्थान इकाई को कठपुतली की तरह चलाना चाहते हैं जो राजस्थान के स्वाभिमानी नेताओं के लिए संभव नहीं था. बता दें कि राजस्थान में आम आदमी पार्टी में किसी भी बड़े पद पर नेता ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाया.
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खास तौर पर प्रदेश अध्यक्ष पद पर तो संकट बना ही रहता है. वहीं, कुछ पदाधिकारी लंबे समय से पार्टी से चिपके हुए हैं, लेकिन प्रमोशन के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिल रहा. अब रामपाल जाट के इस्तीफे के बाद इन्हें कुछ उम्मीद बनी तो प्रदेश प्रभारी के इस बयान ने इन्हें वापस निराश कर दिया. फिलहाल निकाय चुनाव नजदीक है, लेकिन पार्टी की स्थिति राजस्थान में कमजोर है.