जयपुर. रीट परीक्षा में हुई धांधली और लापरवाही को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Education Minister Govind Singh Dotasara) हर किसी के निशाने पर हैं. इसी मामले को लेकर आप पार्टी ने भी शुक्रवार को शिक्षा मंत्री पर निशाना साधा और कहा कि अपने जन्मदिन पर शिक्षा मंत्री डोटासरा इस्तीफा दें और राजस्थान की जनता को रिटर्न गिफ्ट करें. आम आदमी पार्टी (AAP) के जयपुर लीगल विंग के अध्यक्ष अभिषेक सांघी ने मुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है.
अभिषेक सांघी ने बताया कि 16 लाख से अधिक बेरोजगार युवा साथी लंबे अंतराल बाद अपनी आंखों में सरकारी नौकरी का ख्वाब पाले दिन रात कड़ी मेहनत कर के रीट परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन प्रशासनिक बदइंतजामी के चलते बेरोजगार युवकों के साथ साथ प्रदेश की आम जनता भी प्रभावित हुई. आप पार्टी ने आरपीएससी चेयरमैन को भी बर्खास्त करने की मांग की.
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आप नेता अमित शर्मा ने बताया कि पूर्व में भी शिक्षा मंत्री डोटासरा का नाम धांधली में आ चुका है. इन्होंने अपने रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी की रेवड़ियां बांटी थी. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न पत्र देरी से पहुंचने की शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह छात्रों पर ही एफआईआर दर्ज करा दी. संपूर्ण प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा आरपीएससी प्रशासन बेहद लापरवाह और भ्रष्ट है तथा छात्र हित के प्रतिकूल है.
आम आदमी पार्टी ने सीएम से मांग की कि इस भ्रष्टाचार और लापरवाही की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शिक्षा मंत्री को पद से तुरंत बर्खास्त करें अन्यथा आम आदमी पार्टी संपूर्ण प्रदेश में आंदोलन करेगी.अमित शर्मा ने कहा कि डोटासरा को स्वयं अपना इस्तीफा देकर राजस्थान की जनता को अपने जन्म दिन पर रिटर्न गिफ़्ट का तोहफ़ा देना चाहिए.
आप लीगल विंग पदाधिकारी मोहम्मद शकील ने बताया कि गृह जिले में परीक्षा केंद्र ना मिल पाने के कारण लाखों अभ्यर्थियों को अपने परिजनों सहित लंबी दूरी की यात्राएं करनी पड़ी. जिसके कारण आम जनजीवन और अधिकांश व्यापार भी प्रभावित रहा.
परीक्षा केंद्रों पर जल्दी पहुंचने के चक्कर में सड़क हादसे के चलते युवा साथियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. प्रशासन ने परीक्षा में धांधली और चीटिंग को रोकने में भी कोई तत्परता नहीं दिखाई. एक मिनट की देरी पर भी पहुंचने वाले परीक्षार्थियों को भवन में प्रवेश नहीं दिया गया.
वहीं चीटिंग गैंग के गुर्गों को अपनी पहुंच के चलते परीक्षा शुरू होने के बाद भी प्रवेश दिया गया. रीट धांधली में शामिल आरोपियों के सत्ताधारी दल के साथ संबंध होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है.