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Special: जरूरतमंदों के लिए ठंड में सहारा बना 'वस्त्र बैंक'...यहां रुपए नहीं, कपड़े लेने आते हैं जरूरतमंद

जयपुर में एक अनोखा बैंक है, जहां नोट नहीं बल्कि जरूरतमंद को गर्म कपड़े और रजाई-कंबल मिलते हैं. जिसमें लगभग 5 हजार कपड़ों के स्टॉक हैं और इसमें जन्मजात बच्चों से लेकर बुजुर्ग अवस्था के महिला व पुरुषों के लिए गर्म कपड़े, स्वेटर, जैकेट, कंबल, रजाई सहित अन्य सामान हैं.

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जरूरतमंदों के लिए ठंड में सहारा बना 'वस्त्र बैंक'
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Published : Dec 5, 2020, 2:57 PM IST

जयपुर. अक्सर लोग बैंक में जाते हैं पैसे निकालने के लिए, लेकिन राजधानी में एक ऐसा बैंक है जहां से पैसे नहीं गर्म कपड़े निशुल्क वितरित किए जाते हैं. बता दें कि जयपुर की समर्पण संस्था ने शहर के पहले अनूठे 'वस्त्र बैंक' के जरिए इस हाड़कंपा देने वाली ठंड में गरीब और जरूरतमंदों की मदद का बीड़ा उठाया है. जहां गरीब, जरूरतमंद के साथ ही कोई भी संस्था निःशुल्क गर्म कपड़े यहां से ले सकती हैं.

जरूरतमंदों के लिए ठंड में सहारा बना 'वस्त्र बैंक'

'वस्त्र बैंक' में लगभग 5 हजार कपड़ों का स्टॉक रहता है. जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग महिला व पुरुषों के लिए गर्म कपड़े, कंबल, रजाई सहित अन्य सामान रखे हुए हैं. इस अनोखे बैंक में कोई भी समाज के हित में परोपकारी कार्य करने वाला व्यक्ति और संस्थाएं वस्त्र इश्यू करवाकर जरूरतमंदों में बांट सकते हैं. साथ ही जो लोग वस्त्रदान करना चाहते हैं वह भी जमा करा सकते हैं.

जो लोग सर्दियों में नए कपड़े खरीदने के बाद अपने पुराने कपड़ों को पहनना छोड़ देते हैं. उन्हें वस्त्र बैंक के समर्पण सेवक शहर की अलग-अलग कॉलोनियों और घरों में जाकर इकट्ठा करते हैं. जहां से कपड़े लाकर समर्पण सेवक पहले उन कपड़ो की छंटाई कर उनको ड्राइक्लीन करवाते हैं. उसके बाद उनकी अच्छी पैकिंग करके उन्हें वस्त्र बैंक में रख देते हैं.

पढ़ें: विवाह स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन फॉलो नहीं होने पर कार्रवाई करने के निगम प्रशासन ने मांगे अधिकार

इसके बाद जरूरतमंद लोग वस्त्र बैंक पहुंचकर अपनी इच्छानुसार नि:शुल्क कपड़े ले लेते हैं. इसके अलावा वस्त्र बैंक के सेवक शहर के फुटपाथ, बस-रेलवे स्टेशन और कच्ची बस्तियों में जाकर भी जरूरमंदों की मदद करते हैं. वहीं, जयपुर के बाशिंदे कमलेश बैरवा कहते हैं कि सर्दियों के दौर में गरीब-असहाय लोग ठिठुर जाते हैं. इसलिए हर साल वो वस्त्र बैंक में गर्म कपड़े-कंबल देते हैं. जिससे जरूरमंदो की मदद हो सके.

साथ ही उनकी सोच है कि आने वाले समय में सब मिलजुलकर ये बीड़ा उठाएं तो कोई भी बिना कपड़ों के ठंड में रहने को मजबूर नहीं होगा. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि अगर ठंड में गरीब और बेसहारा लोग सड़कों के किनारे फुटपाथ पर सोते हैं तो उनकी मदद जरूर करें. ऐसे में यदि आप भी जयपुर के सक्षम बाशिंदे हैं तो उन जरूरमंद लोगों के लिए थोड़ा भी योगदान कर सके तो जरूर करें.

जयपुर. अक्सर लोग बैंक में जाते हैं पैसे निकालने के लिए, लेकिन राजधानी में एक ऐसा बैंक है जहां से पैसे नहीं गर्म कपड़े निशुल्क वितरित किए जाते हैं. बता दें कि जयपुर की समर्पण संस्था ने शहर के पहले अनूठे 'वस्त्र बैंक' के जरिए इस हाड़कंपा देने वाली ठंड में गरीब और जरूरतमंदों की मदद का बीड़ा उठाया है. जहां गरीब, जरूरतमंद के साथ ही कोई भी संस्था निःशुल्क गर्म कपड़े यहां से ले सकती हैं.

जरूरतमंदों के लिए ठंड में सहारा बना 'वस्त्र बैंक'

'वस्त्र बैंक' में लगभग 5 हजार कपड़ों का स्टॉक रहता है. जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग महिला व पुरुषों के लिए गर्म कपड़े, कंबल, रजाई सहित अन्य सामान रखे हुए हैं. इस अनोखे बैंक में कोई भी समाज के हित में परोपकारी कार्य करने वाला व्यक्ति और संस्थाएं वस्त्र इश्यू करवाकर जरूरतमंदों में बांट सकते हैं. साथ ही जो लोग वस्त्रदान करना चाहते हैं वह भी जमा करा सकते हैं.

जो लोग सर्दियों में नए कपड़े खरीदने के बाद अपने पुराने कपड़ों को पहनना छोड़ देते हैं. उन्हें वस्त्र बैंक के समर्पण सेवक शहर की अलग-अलग कॉलोनियों और घरों में जाकर इकट्ठा करते हैं. जहां से कपड़े लाकर समर्पण सेवक पहले उन कपड़ो की छंटाई कर उनको ड्राइक्लीन करवाते हैं. उसके बाद उनकी अच्छी पैकिंग करके उन्हें वस्त्र बैंक में रख देते हैं.

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इसके बाद जरूरतमंद लोग वस्त्र बैंक पहुंचकर अपनी इच्छानुसार नि:शुल्क कपड़े ले लेते हैं. इसके अलावा वस्त्र बैंक के सेवक शहर के फुटपाथ, बस-रेलवे स्टेशन और कच्ची बस्तियों में जाकर भी जरूरमंदों की मदद करते हैं. वहीं, जयपुर के बाशिंदे कमलेश बैरवा कहते हैं कि सर्दियों के दौर में गरीब-असहाय लोग ठिठुर जाते हैं. इसलिए हर साल वो वस्त्र बैंक में गर्म कपड़े-कंबल देते हैं. जिससे जरूरमंदो की मदद हो सके.

साथ ही उनकी सोच है कि आने वाले समय में सब मिलजुलकर ये बीड़ा उठाएं तो कोई भी बिना कपड़ों के ठंड में रहने को मजबूर नहीं होगा. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि अगर ठंड में गरीब और बेसहारा लोग सड़कों के किनारे फुटपाथ पर सोते हैं तो उनकी मदद जरूर करें. ऐसे में यदि आप भी जयपुर के सक्षम बाशिंदे हैं तो उन जरूरमंद लोगों के लिए थोड़ा भी योगदान कर सके तो जरूर करें.

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