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Marriage Bureau की साजिश: शादीशुदा अर्शी को प्रीति बता दिव्यांग से कराया विवाह, भेद खोल मांगे रुपए 5 लाख! - दिव्यांग के साथ धोखा

जयपुर में एक दिव्यांग को शादी के नाम पर ठगा गया है. ठगने वाला कोई और नहीं बल्कि एक मैरिज ब्यूरो है. जिसने गलत जानकारी देकर पहले तो युवक की शादी कराई फिर 5 लाख रुपए तक की मांग कर दी.

Cheated on the name of Marriage
शादी के नाम पर धोखा
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Published : Aug 5, 2021, 11:18 AM IST

जयपुर। राजधानी के बनीपार्क थाना इलाके में एक संगठित गिरोह ने पहले से शादीशुदा एक मुस्लिम महिला को हिंदू बता उसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर पीड़ित पक्ष से 2.50 लाख रुपए लेकर शादी करवा दी. शादी के बाद महिला के पति ने फोन कर पीड़ित पक्ष को उसकी पत्नी को जबरन बंधक बनाकर रखने का झूठा मामला दर्ज कराने की धमकी देकर 5 लाख रुपए की डिमांड कर डाली. ठगी का शिकार होने के बाद सीकर जिले के खंडेला निवासी ममता कुमारी ने बनीपार्क थाने में शिकायत दर्ज करवाई है.

शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि ममता कुमारी का भाई 70% दिव्यांग है और अपने भाई का विवाह कराने के लिए ही ममता ने गीता देवी के मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था. ब्यूरो ने आश्वासन दिया था कि भाई की शादी करवा दी जाएगी. इसके लिए कथित तौर पर पीड़ित पक्ष से रजिस्ट्रेशन के नाम पर गीता देवी ने 5000 रुपए लेकर कलेक्टरेट सर्किल बनीपार्क स्थित मैरिज ब्यूरो के ऑफिस में आने को कहा.

पीड़ित पक्ष रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर मैरिज ब्यूरो के ऑफिस पहुंचा तो गीता देवी ने उनकी मुलाकात उत्तर प्रदेश निवासी प्रीति से करवाई और कहा कि यह गरीब परिवार की लड़की है जिस के परिजन उसकी शादी करवाना चाहते हैं. इसके बाद मैरिज ब्यूरो कार्यालय में मौजूद चार पांच अन्य लोगों से भी मुलाकात कराई गई. इन सबको प्रीति के परिवार का सदस्य बताया गया.

इसके बाद 100 रुपए के स्टांप पर विवाह का इकरारनामा किया गया और शादी के खर्च के लिए 2.50 लाख रुपए प्रीति के परिजनों को दिए गए. इसके बाद पीड़ित पक्ष प्रीति और उसके परिवार के सदस्यों को लेकर रींगस स्थित गणेश मंदिर में गए और हिंदू रीति रिवाज से शादी की गई.

शादी के 25 दिन बाद पीड़ित पक्ष के सदस्यों के मोबाइल पर महमूद अहमद नामक एक व्यक्ति का फोन आया. जिसने बताया कि प्रीति दरअसल अर्शी है. वह पहले से शादीशुदा है. साथ ही फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को उसका पति बताया. उसने पीड़ित पक्ष से 5 लाख रुपए की डिमांड की. कहा कि उसकी पत्नी को जबरन बंधक बना कर रखने के मामले में वो उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करायेगा.

इस भेद के खुलने से हैरान पीड़ित पक्ष ने जब प्रीति से पूछताछ की तो उसने कुबूल किया कि वो अर्शी है. वो पहले से ही शादीशुदा है. उसने ये भी बताया कि मैरिज ब्यूरो में मौजूद लोग उसके परिजन नहीं थे और ये लोग एक संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं. जिनका काम ही लोगों को फंसाकर ठगी करना है.

उसने बताया कि गिरोह के सदस्य महिला के अलग-अलग नामों से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार करते हैं. फिर उसके फर्जी रिश्तेदार बनकर ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जिन्हें शादी की जरूरत होती है. उसके बाद ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते हैं. ये लोग अपने शिकार से ब्लैकमेल के जरिए मोटी रकम वसूल करते हैं.

ममता ने प्रीति उर्फ अर्शी का सारा हाल पुलिस को बता दिया है. पुलिस ने उसकी शिकायत पर मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है.

जयपुर। राजधानी के बनीपार्क थाना इलाके में एक संगठित गिरोह ने पहले से शादीशुदा एक मुस्लिम महिला को हिंदू बता उसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर पीड़ित पक्ष से 2.50 लाख रुपए लेकर शादी करवा दी. शादी के बाद महिला के पति ने फोन कर पीड़ित पक्ष को उसकी पत्नी को जबरन बंधक बनाकर रखने का झूठा मामला दर्ज कराने की धमकी देकर 5 लाख रुपए की डिमांड कर डाली. ठगी का शिकार होने के बाद सीकर जिले के खंडेला निवासी ममता कुमारी ने बनीपार्क थाने में शिकायत दर्ज करवाई है.

शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि ममता कुमारी का भाई 70% दिव्यांग है और अपने भाई का विवाह कराने के लिए ही ममता ने गीता देवी के मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था. ब्यूरो ने आश्वासन दिया था कि भाई की शादी करवा दी जाएगी. इसके लिए कथित तौर पर पीड़ित पक्ष से रजिस्ट्रेशन के नाम पर गीता देवी ने 5000 रुपए लेकर कलेक्टरेट सर्किल बनीपार्क स्थित मैरिज ब्यूरो के ऑफिस में आने को कहा.

पीड़ित पक्ष रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर मैरिज ब्यूरो के ऑफिस पहुंचा तो गीता देवी ने उनकी मुलाकात उत्तर प्रदेश निवासी प्रीति से करवाई और कहा कि यह गरीब परिवार की लड़की है जिस के परिजन उसकी शादी करवाना चाहते हैं. इसके बाद मैरिज ब्यूरो कार्यालय में मौजूद चार पांच अन्य लोगों से भी मुलाकात कराई गई. इन सबको प्रीति के परिवार का सदस्य बताया गया.

इसके बाद 100 रुपए के स्टांप पर विवाह का इकरारनामा किया गया और शादी के खर्च के लिए 2.50 लाख रुपए प्रीति के परिजनों को दिए गए. इसके बाद पीड़ित पक्ष प्रीति और उसके परिवार के सदस्यों को लेकर रींगस स्थित गणेश मंदिर में गए और हिंदू रीति रिवाज से शादी की गई.

शादी के 25 दिन बाद पीड़ित पक्ष के सदस्यों के मोबाइल पर महमूद अहमद नामक एक व्यक्ति का फोन आया. जिसने बताया कि प्रीति दरअसल अर्शी है. वह पहले से शादीशुदा है. साथ ही फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को उसका पति बताया. उसने पीड़ित पक्ष से 5 लाख रुपए की डिमांड की. कहा कि उसकी पत्नी को जबरन बंधक बना कर रखने के मामले में वो उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करायेगा.

इस भेद के खुलने से हैरान पीड़ित पक्ष ने जब प्रीति से पूछताछ की तो उसने कुबूल किया कि वो अर्शी है. वो पहले से ही शादीशुदा है. उसने ये भी बताया कि मैरिज ब्यूरो में मौजूद लोग उसके परिजन नहीं थे और ये लोग एक संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं. जिनका काम ही लोगों को फंसाकर ठगी करना है.

उसने बताया कि गिरोह के सदस्य महिला के अलग-अलग नामों से फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार करते हैं. फिर उसके फर्जी रिश्तेदार बनकर ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जिन्हें शादी की जरूरत होती है. उसके बाद ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते हैं. ये लोग अपने शिकार से ब्लैकमेल के जरिए मोटी रकम वसूल करते हैं.

ममता ने प्रीति उर्फ अर्शी का सारा हाल पुलिस को बता दिया है. पुलिस ने उसकी शिकायत पर मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है.

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