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जयपुरः फिजूलखर्ची रोकने के उद्देश्य से 91 जोड़ों ने किया निकाह कबूल

जयपुर में लोहार बिरादरी का एक दिवसीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया. जहां एक साथ 91 जोड़ों ने निकाह कबूल किया. बता दें कि शहर के अलग-अलग उलेमाओं की ओर से ये पूरी रस्म निभाई गई.

जयपुर में लोहार बिरादरी की खबर, Blacksmith fraternity news in jaipur, 91 जोड़ों ने किया निकाह कबूल, 91 couples confess marriage
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Published : Nov 24, 2019, 5:44 PM IST

जयपुर. प्रदेश के घाट गेट स्थित मस्जिद अहंगरान में रविवार सुबह 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया. इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार मस्जिद में मुफ्ती अब्दुल सत्तार की अगुवाई में जयपुर शहर के अलग-अलग उलेमाओं की ओर से ये पूरी रस्म निभाई गई. निकाह के बाद परिजनों ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा और इस काम के लिए बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की दुआ भी की.

सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने किया निकाह कबूल

वहीं, निकाह के बाद आए हुए मौलानाओं ने कहा कि जिस तरीके से यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है वह तारीफ के काबिल है. इस दौरान मौलानाओं ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग रविवार को जयपुर पहुंचे.

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बता दें कि एक साथ पहुंची 91 बारातियों का लोगों ने जम के स्वागत किया. जिसकी हर कोई तारीफ करता दिख रहा है. वहीं, यहां पर नौजवान हर व्यवस्था को संभालते हुए नजर आ रहे थे. वहीं महिलाओं में किसी तरह से कोई परेशानी ना आए इसके लिए समाज की बेटियां आगे आते हुए व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आई, जो काबिले तारीफ है.

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लोहार संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को आयोजित कराने के पीछे फिजूलखर्ची रोकना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया, एक नई जिंदगी की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में जयपुर ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से बराते हैं यहां पहुंची हैं.

जयपुर. प्रदेश के घाट गेट स्थित मस्जिद अहंगरान में रविवार सुबह 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया. इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार मस्जिद में मुफ्ती अब्दुल सत्तार की अगुवाई में जयपुर शहर के अलग-अलग उलेमाओं की ओर से ये पूरी रस्म निभाई गई. निकाह के बाद परिजनों ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा और इस काम के लिए बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की दुआ भी की.

सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने किया निकाह कबूल

वहीं, निकाह के बाद आए हुए मौलानाओं ने कहा कि जिस तरीके से यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है वह तारीफ के काबिल है. इस दौरान मौलानाओं ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग रविवार को जयपुर पहुंचे.

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बता दें कि एक साथ पहुंची 91 बारातियों का लोगों ने जम के स्वागत किया. जिसकी हर कोई तारीफ करता दिख रहा है. वहीं, यहां पर नौजवान हर व्यवस्था को संभालते हुए नजर आ रहे थे. वहीं महिलाओं में किसी तरह से कोई परेशानी ना आए इसके लिए समाज की बेटियां आगे आते हुए व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आई, जो काबिले तारीफ है.

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लोहार संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को आयोजित कराने के पीछे फिजूलखर्ची रोकना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया, एक नई जिंदगी की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में जयपुर ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से बराते हैं यहां पहुंची हैं.

Intro:लोहार बिरादरी का एक दिवसीय सामूहिक विवाह सम्मेलन जयपुर में आयोजित हुआ. जहां एक साथ 91 जोड़ों ने निकाह कबूल किया.Body:जयपुर : प्रदेश की राजधानी जयपुर के घाट गेट स्थित मस्जिद अहंगरान में रविवार को सुबह 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया. इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार मस्जिद में जयपुर के शहर मुफ्ती अब्दुल सत्तार की अगुआई जयपुर शहर के अलग अलग उलेमाओं की ओर से ये पूरी रस्म निभाई गई. निकाह के बाद परिजनों ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा और इस काम के लिए बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना भी की.

वही निकाह के बाद आए हुए मौलानाओं ने कहा कि जिस तरीके से यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है वह तारीफ के काबिल है. इस दौरान मौलानाओं ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग आज राजधानी जयपुर पहुंचे.


बता दे कि एक साथ पहुंची 91 बारातियों को जिस तरह से यहां पर संभाला गया है उसकी हर एक तारीफ नजर आ रहा है. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर बिरादरी के नौजवान हर व्यवस्था को संभालते हुए नजर आ रहे थे. वहीं महिलाओं में किसी तरह से कोई परेशानी ना आए इसके लिए समाज की बेटियां आगे आते हुए व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आई.



फिजूलखर्ची रोकना ही उद्देश्य

लोहार संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को आयोजित कराने के पीछे फिजूलखर्ची रोकना ही हमारा उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया और एक नई जिंदगी की शुरुआत की, उन्होंने बताया कि आज इस कार्यक्रम में जयपुर ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने से बढ़ाते हैं यहां राजधानी जयपुर पहुंची हैं.

बाइट - अब्दुल गफ्फार, कोषाध्यक्ष लोहार संस्थाConclusion:...
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