जयपुर. प्रदेश के घाट गेट स्थित मस्जिद अहंगरान में रविवार सुबह 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया. इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार मस्जिद में मुफ्ती अब्दुल सत्तार की अगुवाई में जयपुर शहर के अलग-अलग उलेमाओं की ओर से ये पूरी रस्म निभाई गई. निकाह के बाद परिजनों ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा और इस काम के लिए बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की दुआ भी की.
वहीं, निकाह के बाद आए हुए मौलानाओं ने कहा कि जिस तरीके से यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है वह तारीफ के काबिल है. इस दौरान मौलानाओं ने दूल्हा और दुल्हन को दुआओं से नवाजा. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग रविवार को जयपुर पहुंचे.
पढ़ेंः प्रदेश भाजपा मुख्यालय में गिने चुने कार्यकर्ताओं ने ही सुनी PM मोदी की 'मन की बात'
बता दें कि एक साथ पहुंची 91 बारातियों का लोगों ने जम के स्वागत किया. जिसकी हर कोई तारीफ करता दिख रहा है. वहीं, यहां पर नौजवान हर व्यवस्था को संभालते हुए नजर आ रहे थे. वहीं महिलाओं में किसी तरह से कोई परेशानी ना आए इसके लिए समाज की बेटियां आगे आते हुए व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आई, जो काबिले तारीफ है.
पढ़ेंः भोजन की तलाश में आते है पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में: वन विभाग
लोहार संस्था के कोषाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को आयोजित कराने के पीछे फिजूलखर्ची रोकना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 91 जोड़ों ने अपना निकाह कबूल किया, एक नई जिंदगी की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में जयपुर ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से बराते हैं यहां पहुंची हैं.