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अबूझ सावे पर उद्योगों को मिलेगी केवल 8 घंटे बिजली

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Published : May 1, 2022, 9:37 AM IST

प्रदेश में ऐन त्योहार के दिन उद्योग जगत के लिए बिजली कटौती का फरमान है. डिस्कॉम ने औद्योगिक इकाईयों के लिए ये व्यवस्था की है. इसके तहत महज 8 घंटे की विद्युत आपूर्ति (8 hour power cut on akshay tritya) की जाएगी.

8 hour power cut on  akshay tritya
अबूझ सावे पर उद्योगों को मिलेगी केवल 8 घंटे बिजली

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली संकट (Power crisis in Rajasthan) के बीच 3 मई को सभी श्रेणियों की औद्योगिक इकाई को केवल 8 घंटे ही बिजली उपलब्ध (8 hour power cut on akshay tritya) कराई जाएगी. 3 मई को आखातीज मतलब शादियों का अबूझ सावा है (abujh sava in Rajasthan) और यदि चांद दिखता है तो ईद भी इसी दिन होगी. बिजली की मांग और खपत में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए डिस्कॉम ने यह निर्णय लिया है. साथ ही औद्योगिक इकाइयों में शाम 6 बजे से रात को 10 बजे तक बिजली का उपयोग कम हो इस पर भी अब डिस्कॉम से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे और जहां आवश्यकता पड़ेगी वहां फीडर से बिजली की सप्लाई भी रोकी जाएगी. डिस्कॉम ने हाल ही में प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों को शाम 6 से 10 के बीच 50% कम लोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं. बिजली संकट को देखते हुए प्रदेश में अनावश्यक स्ट्रीट लाइट को बंद रखे जाने पर विचार चल रहा है.

पढ़ें- राजस्थान में बिजली संकट! मई के पहले पखवाड़े तक मिलेगी कुछ राहत, जल्द ही छत्तीसगढ़ से मिलेगा कोयला

राजवेस्ट को बिजली उत्पादन के लिए दी लिग्नाइट खनन की छूट: वहीं बिजली संकट के इस दौर में राज्य सरकार ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी यानी राजवेस्ट को भी उसके पावर प्लांट से बिजली उत्पादन के लिए लिग्नाइट खनन की छूट दे दी है. ये छूट 3 महीने के लिए दी गई है जिससे इन उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन भी हो और प्रदेश को यह बिजली मिल सके. राजवेस्ट के पास 1080 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट है जिसमें लिग्नाइट खनन के बाद अब बिजली का उत्पादन हो सकेगा.

उद्योग जगत से की थी गुजारिश: इससे पहले भी बिजली की बढ़ती डिमांड के बीच जयपुर डिस्कॉम के 6 जिलों में किसानों को दिन के बजाय रात में खेती के लिए बिजली दिए जाने का निर्णय लिया गया थी. वहीं, डिस्कॉम ने इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से गुजारिश की थी कि उद्योगों में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक जब पीक अवर होता है तब लोड कम करें. प्रदेश में बिजली संकट (Power crisis in Rajasthan) लगातार गहराता जा रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बिजली की लगातार बढ़ती डिमांड है. पिछले साल कोरोना महामारी के चलते अधिकतर औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, लेकिन कोरोना का असर कम होने के बाद ये सभी प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाइयां अपनी पूर्ण क्षमता के साथ चलने लगी है. ऐसे में राजस्थान में पिछले साल की तुलना में इस बार 31 फीसदी बिजली की डिमांड बढ़ गई है.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली संकट (Power crisis in Rajasthan) के बीच 3 मई को सभी श्रेणियों की औद्योगिक इकाई को केवल 8 घंटे ही बिजली उपलब्ध (8 hour power cut on akshay tritya) कराई जाएगी. 3 मई को आखातीज मतलब शादियों का अबूझ सावा है (abujh sava in Rajasthan) और यदि चांद दिखता है तो ईद भी इसी दिन होगी. बिजली की मांग और खपत में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए डिस्कॉम ने यह निर्णय लिया है. साथ ही औद्योगिक इकाइयों में शाम 6 बजे से रात को 10 बजे तक बिजली का उपयोग कम हो इस पर भी अब डिस्कॉम से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे और जहां आवश्यकता पड़ेगी वहां फीडर से बिजली की सप्लाई भी रोकी जाएगी. डिस्कॉम ने हाल ही में प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों को शाम 6 से 10 के बीच 50% कम लोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं. बिजली संकट को देखते हुए प्रदेश में अनावश्यक स्ट्रीट लाइट को बंद रखे जाने पर विचार चल रहा है.

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राजवेस्ट को बिजली उत्पादन के लिए दी लिग्नाइट खनन की छूट: वहीं बिजली संकट के इस दौर में राज्य सरकार ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी यानी राजवेस्ट को भी उसके पावर प्लांट से बिजली उत्पादन के लिए लिग्नाइट खनन की छूट दे दी है. ये छूट 3 महीने के लिए दी गई है जिससे इन उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन भी हो और प्रदेश को यह बिजली मिल सके. राजवेस्ट के पास 1080 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट है जिसमें लिग्नाइट खनन के बाद अब बिजली का उत्पादन हो सकेगा.

उद्योग जगत से की थी गुजारिश: इससे पहले भी बिजली की बढ़ती डिमांड के बीच जयपुर डिस्कॉम के 6 जिलों में किसानों को दिन के बजाय रात में खेती के लिए बिजली दिए जाने का निर्णय लिया गया थी. वहीं, डिस्कॉम ने इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से गुजारिश की थी कि उद्योगों में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक जब पीक अवर होता है तब लोड कम करें. प्रदेश में बिजली संकट (Power crisis in Rajasthan) लगातार गहराता जा रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बिजली की लगातार बढ़ती डिमांड है. पिछले साल कोरोना महामारी के चलते अधिकतर औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, लेकिन कोरोना का असर कम होने के बाद ये सभी प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाइयां अपनी पूर्ण क्षमता के साथ चलने लगी है. ऐसे में राजस्थान में पिछले साल की तुलना में इस बार 31 फीसदी बिजली की डिमांड बढ़ गई है.

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