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जयपुर जिला ग्रामीण में 78 कांस्टेबल को मिला अनुसंधान करने का मौका

गृह विभाग से मिले निर्देशों के बाद जयपुर जिला ग्रामीणों में तैनात 78 कांस्टेबल को अनुसंधान करने का अधिकार दिया गया है. जयपुर जिला ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा द्वारा जिले में 139 कांस्टेबल को पुलिस मुख्यालय के आदेशों के बाद चयनित किया गया और फिर उन्हें अलग-अलग बैच में 4 सप्ताह का प्रशिक्षण कोर्स करवाया गया.

जयपुर जिला ग्रामीण कांस्टेबल करेंगे अनुसंधान, Jaipur district rural constable will research
जयपुर जिला ग्रामीण कांस्टेबल करेंगे अनुसंधान
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Published : Nov 20, 2020, 11:00 PM IST

जयपुर. गृह विभाग के निर्देशों के बाद पुलिस मुख्यालय से जारी किए गए कांस्टेबल से अनुसंधान करवाने के आदेशों की सबसे पहले पालना करते हुए जयपुर जिला ग्रामीणों में तैनात 78 कांस्टेबल को अनुसंधान करने का अधिकार दिया गया है. जयपुर जिला ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा द्वारा जिले में 139 कांस्टेबल को पुलिस मुख्यालय के आदेशों के बाद चयनित किया गया और फिर उन्हें अलग-अलग बैच में 4 सप्ताह का प्रशिक्षण कोर्स करवाया गया.

प्रशिक्षण कोर्स समाप्त होने के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर आयोजित परीक्षा में कांस्टेबल ने भाग लिया और 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 कांस्टेबल को उत्तीर्ण घोषित करते हुए उन्हें अनुसंधान करने की शक्तियां प्रदान की गई.

गौरतलब है कि गृह विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बाद पुलिस मुख्यालय ने 5 नवंबर 2019 को सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को जिलों में तैनात कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने के आदेश दिए थे. कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने से पहले उन्हें प्रशिक्षण कोर्स और परीक्षा उत्तीर्ण करने समेत तमाम मापदंडों के अनुरूप परखने को कहा गया.

पुलिस मुख्यालय द्वारा आदेश जारी होने के बाद जयपुर जिला ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने सबसे पहले और सबसे तेज पहल करते हुए 78 पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की है. जिन पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की गई है और ऐसे अपराध जिनमें 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है, उन प्रकरणों का अनुसंधान कर सकेंगे. जिन पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की गई है.

पढ़ें- राजस्थान महिला क्रिकेट टीम से खेलेंगी प्रिया पुनिया, स्टेट गेम्स में शामिल होगा क्रिकेट

उनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन है. उसके साथ ही उन्हें पुलिस सेवा में 9 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव हो चुका है. इसके साथ ही वह किसी पुलिस थाने या चौकी में 5 साल तक सेवाएं दे चुके हैं. कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने के बाद पेंडेंसी में काफी कमी आएगी और इसके साथ ही अनुसंधान का स्तर भी पहले की तुलना में काफी बेहतर होगा.

जयपुर. गृह विभाग के निर्देशों के बाद पुलिस मुख्यालय से जारी किए गए कांस्टेबल से अनुसंधान करवाने के आदेशों की सबसे पहले पालना करते हुए जयपुर जिला ग्रामीणों में तैनात 78 कांस्टेबल को अनुसंधान करने का अधिकार दिया गया है. जयपुर जिला ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा द्वारा जिले में 139 कांस्टेबल को पुलिस मुख्यालय के आदेशों के बाद चयनित किया गया और फिर उन्हें अलग-अलग बैच में 4 सप्ताह का प्रशिक्षण कोर्स करवाया गया.

प्रशिक्षण कोर्स समाप्त होने के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर आयोजित परीक्षा में कांस्टेबल ने भाग लिया और 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 कांस्टेबल को उत्तीर्ण घोषित करते हुए उन्हें अनुसंधान करने की शक्तियां प्रदान की गई.

गौरतलब है कि गृह विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बाद पुलिस मुख्यालय ने 5 नवंबर 2019 को सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को जिलों में तैनात कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने के आदेश दिए थे. कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने से पहले उन्हें प्रशिक्षण कोर्स और परीक्षा उत्तीर्ण करने समेत तमाम मापदंडों के अनुरूप परखने को कहा गया.

पुलिस मुख्यालय द्वारा आदेश जारी होने के बाद जयपुर जिला ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने सबसे पहले और सबसे तेज पहल करते हुए 78 पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की है. जिन पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की गई है और ऐसे अपराध जिनमें 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है, उन प्रकरणों का अनुसंधान कर सकेंगे. जिन पुलिस कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान की गई है.

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उनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन है. उसके साथ ही उन्हें पुलिस सेवा में 9 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव हो चुका है. इसके साथ ही वह किसी पुलिस थाने या चौकी में 5 साल तक सेवाएं दे चुके हैं. कांस्टेबल को अनुसंधान की शक्तियां प्रदान करने के बाद पेंडेंसी में काफी कमी आएगी और इसके साथ ही अनुसंधान का स्तर भी पहले की तुलना में काफी बेहतर होगा.

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